नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम, पार्किंग की ठेकेदारी के लिए कलस्टर मॉडल अपनाने की तैयारी में है. इस मॉडल के तहत ठेकेदारी ऐसे पार्किंग ठेकेदारों को दी जाएगी, जो पूरे एक जोन के अंतर्गत आने वाली सभी पार्किंग का ठेका ले सकते हैं. पूर्व मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने इसका विरोध किया.
इस नए मॉडल का विरोध मौजूदा पार्किंग ठेकेदार कर रहे थे. अब सत्ता पक्ष के पार्षद भी इस पर सवाल उठा रहे हैं.
पूर्व मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कलस्टर मॉडल का विरोध करते हुए कहा कि इससे लोगों का रोजगार छिन जाएगा. उन्होंने कहा कि ये मॉडल जिस निगम ने अपनाया है वो फेल साबित हुआ है.
'निगम अधिकारी कर रहे मनमानी'
बिपिन बिहारी सिंह ने कहा कि निगम के अधिकारी मनमाने तरीके से नियम कानून बना रहे हैं, जिसकी ना तो मेयर को और ना ही स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन को ही खबर है. बिना स्टैंडिंग कमिटी में पास कराए और सदन की मंजूरी के बिना ही नियम बदले जा रहे हैं. पार्किंग को लेकर जो नया मॉडल बनाया गया है, वो साजिश के तहत किया जा रहा है.
विपक्षी पार्षद ने दिया साथ
पूर्व मेयर ने कहा कि नए नियम के हिसाब से 2 जोन का ठेका एक या दो ठेकेदार ले लेंगे, जबकि अब तक अलग-अलग पार्किंग का ठेका अलग-अलग ठेकेदार ले सकते थे. नए नियम से बाकी ठेकेदार बेरोजगार हो जाएंगे. बिपिन बिहारी ने कहा कि इस नियम से पार्किंग से होने वाली आय में भी कमी आएगी. बिपिन बिहारी का समर्थन करते हुए विपक्षी आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद अब्दुल रहमान ने भी कहा कि इस तरह का नियम नॉर्थ नगर निगम में लागू हुआ था जो फेल साबित हुआ.
फॉलो होगा पुराना नियम
एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश ने कलस्टर मॉडल पर जवाब देते हुए कहा कि ये निगम की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए लाया जा रहा है. बड़े वेंडर के आने से पार्किंग व्यवस्था में सुधार होगा और निगम को भी पार्किंग से ज़्यादा आय मिलेगी. स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने कमिश्नर को फिलहाल नए निगम लागू करने पर रोक और पुराने नियम के मुताबिक पार्किंग की ठेकेदारी देने का आदेश दिया.