नई दिल्ली: हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की ओर यमुना में 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना के जलस्तर में वृद्धि जारी है, ऐसे में दिल्ली सरकार हाई-अलर्ट पर है और बाढ़ जैसी घटना से निपटने के लिए हर संभव उपाय कर रही है.
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग के नवीनतम अपडेट के अनुसार, संभावना है कि कल शाम तक यमुना नदी खतरे के स्तर को पार कर सकती है. राजस्व मंत्री के अनुसार, इस स्थिति से उत्पन्न संभावित जोखिमों और चुनौतियों से निपटने के लिए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूरी सरकार इसपर बारीकी से नजर बनाए हुए है और तैयारियों का निरीक्षण कर रही है.
उन्होंने कहा कि यदि यमुना का जल स्तर 206.7 मीटर तक बढ़ जाता है तो यमुना खादर के कुछ हिस्सों में बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, सरकार इन संवेदनशील इलाकों में तत्काल निकासी करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में नियमित मुनादी की जा रही हैं. ताकि निवासियों को संभावित खतरे के बारे में चेतावनी दी जा सके और वे आवश्यक सावधानी बरत सकें. राजस्व विभाग ने स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए व्यापक उपाय किए हैं. चाहे वह मध्य जिला हो, पूर्वी जिला हो, या यमुना बाजार और यमुना खादर जैसे क्षेत्र हों, हमने आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी की है.
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इससे पहले यमुना का जलस्तर सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 208.66 मीटर तक पहुंच गया था. इसकी वजह से यमुना नदी का पानी आउटर रिंग रोड, आईटीओ रेड लाइट के साथ कई रिहायशी कॉलोनियों तक पहुंच गया था. वहीं राजघाट में घुसा पानी अब तक जमा है, जिसे निकालने के लिए एजेंसियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं दूसरी तरफ हजारों की संख्या में बाढ़ से प्रभावित लोग, अब भी बाढ़ राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
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