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दंगों का दर्द: नहीं हुआ चांद बाबा मजार का पुर्नर्निमाण, रेहड़ी-पटरी वालों को अभी भी मुआवजे की आस

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा को लगभग एक साल बीत चुके हैं, लेकिन प्रभावित लोग आज भी मदद की आस में हैं. चांद बाबा मजार के आसपास फूल और चादर बेचने वालों ने बताया कि हिंसा में भीड़ ने उनकी दुकान को जला दी थी, लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है.

delhi riots one year chand baba mazar victims said about compensation
दंगों का दर्द
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Published : Feb 24, 2021, 7:46 PM IST

नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा को लगभग एक साल बीत चुके हैं, लेकिन प्रभावित लोग आज भी मदद की आस में हैं. बता दें कि राजधानी दिल्ली में हुए दंगे में रेहड़ी-पटरी पर कारोबार कर बमुश्किल से जिंदगी गुजार रहे लोगों को भी भीड़ ने नहीं बख्शा था. भजनपुरा इलाके के चांद बाबा मजार के आसपास फूल और चादर बेचकर रोजी-रोटी कमा रहे लोगों की पटरियों को भी भीड़ ने आग लगा दी थी. वहीं आज भी इनकी जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी. कई बार मुआवजा के लिए फॉर्म भरने के बावजूद पीड़ितों को कुछ नहीं मिला है.

पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

चांद बाबा मजार को तो नुकसान पहुंचा ही साथ ही आसपास फूल और चादर बेचने वालों ने बताया कि भीड़ ने न केवल मजार में आग लगाई, बल्कि आसपास दर्जनों रेहड़ी-पटरी को भी आग के हवाले कर दिया. आग में उनकी पटरी जलकर राख हो गई. पटरी पर रखा फूल बर्बाद हो गया. सैकड़ों की संख्या में चादर जल गई.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
मजार को पहुंचा नुकसान

फूल बेचने वाले त्रिभुवन बोले- दंगों ने बर्बाद कर दिया

फूल बेचने वाले त्रिभुवन उर्फ शिव कुमार ने बताया कि दंगे ने उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया. भीड़ ने उनकी पटरी पर आग लगा दी थी, जिसमें फूल, माला और 400 से ज्यादा चादर जलकर राख हो गई थी. किसी तरीके से उन्होंने दोबारा दुकान शुरू की, लेकिन कोरोना महामारी ने उन्होंने और भी बर्बाद कर दिया. त्रिभुवन बताते हैं कि उनका परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गया है.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
छोटे दुकानदारों को ज्यादा नुकसान

पीड़ित कासिम ने बताया कि उनकी फूलों की दुकान को भी भीड़ ने जला दिया था. मुआवजा के लिए कई बार अप्लाई किया. कई बार रिजेक्ट होने के बाद आखिरकार वेरिफिकेशन हुआ, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. एक अन्य पीड़ित शीशपाल ने बताया कि उनकी दुकान में भी भीड़ ने आग लगा दी थी, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
दंगे से बाहर निकलते ही कोरोना की पड़ी मार

नहीं हो पाया मजार का पुनर्निर्माण

भजनपुरा चौक पर स्थित चांद बाबा के मजार पर दुआ मांगने सभी धर्मों के लोग आते हैं, लेकिन दिल्ली दंगे में शामिल भीड़ ने गंगा-जमुना तहजीब के प्रतीक इस मजार को आग में झोंक दिया था और मजार को भारी नुकसान पहुंचाया. वहीं 1 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने इस मजार की सुध नहीं ली. मजार पर पहुंचे लोगों ने बताया कि दंगे के दौरान मजार को जिस तरह से नुकसान पहुंचाया गया था, आज भी हालत वैसी ही है. मजार के पुनर्निर्माण के लिए सरकार की तरफ से कोई कार्य नहीं किया गया.

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नहीं मिला मुआवजा

नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा को लगभग एक साल बीत चुके हैं, लेकिन प्रभावित लोग आज भी मदद की आस में हैं. बता दें कि राजधानी दिल्ली में हुए दंगे में रेहड़ी-पटरी पर कारोबार कर बमुश्किल से जिंदगी गुजार रहे लोगों को भी भीड़ ने नहीं बख्शा था. भजनपुरा इलाके के चांद बाबा मजार के आसपास फूल और चादर बेचकर रोजी-रोटी कमा रहे लोगों की पटरियों को भी भीड़ ने आग लगा दी थी. वहीं आज भी इनकी जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी. कई बार मुआवजा के लिए फॉर्म भरने के बावजूद पीड़ितों को कुछ नहीं मिला है.

पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

चांद बाबा मजार को तो नुकसान पहुंचा ही साथ ही आसपास फूल और चादर बेचने वालों ने बताया कि भीड़ ने न केवल मजार में आग लगाई, बल्कि आसपास दर्जनों रेहड़ी-पटरी को भी आग के हवाले कर दिया. आग में उनकी पटरी जलकर राख हो गई. पटरी पर रखा फूल बर्बाद हो गया. सैकड़ों की संख्या में चादर जल गई.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
मजार को पहुंचा नुकसान

फूल बेचने वाले त्रिभुवन बोले- दंगों ने बर्बाद कर दिया

फूल बेचने वाले त्रिभुवन उर्फ शिव कुमार ने बताया कि दंगे ने उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया. भीड़ ने उनकी पटरी पर आग लगा दी थी, जिसमें फूल, माला और 400 से ज्यादा चादर जलकर राख हो गई थी. किसी तरीके से उन्होंने दोबारा दुकान शुरू की, लेकिन कोरोना महामारी ने उन्होंने और भी बर्बाद कर दिया. त्रिभुवन बताते हैं कि उनका परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गया है.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
छोटे दुकानदारों को ज्यादा नुकसान

पीड़ित कासिम ने बताया कि उनकी फूलों की दुकान को भी भीड़ ने जला दिया था. मुआवजा के लिए कई बार अप्लाई किया. कई बार रिजेक्ट होने के बाद आखिरकार वेरिफिकेशन हुआ, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. एक अन्य पीड़ित शीशपाल ने बताया कि उनकी दुकान में भी भीड़ ने आग लगा दी थी, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
दंगे से बाहर निकलते ही कोरोना की पड़ी मार

नहीं हो पाया मजार का पुनर्निर्माण

भजनपुरा चौक पर स्थित चांद बाबा के मजार पर दुआ मांगने सभी धर्मों के लोग आते हैं, लेकिन दिल्ली दंगे में शामिल भीड़ ने गंगा-जमुना तहजीब के प्रतीक इस मजार को आग में झोंक दिया था और मजार को भारी नुकसान पहुंचाया. वहीं 1 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने इस मजार की सुध नहीं ली. मजार पर पहुंचे लोगों ने बताया कि दंगे के दौरान मजार को जिस तरह से नुकसान पहुंचाया गया था, आज भी हालत वैसी ही है. मजार के पुनर्निर्माण के लिए सरकार की तरफ से कोई कार्य नहीं किया गया.

delhi riots one year victims did not get financial compensation
नहीं मिला मुआवजा
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