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ग्रेटर नोएडा: अदालत ने मासूम से रेप के दोषी को आजीवन कारावास की सुनाई सजा, 50 हजार का लगाया जुर्माना

ग्रेटर नोएडा की एक अदालत ने मासूम से डिजिटल रेप के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 11, 2023, 9:21 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: दनकौर थाना क्षेत्र में 2022 में मासूम से डिजिटल रेप के दोषी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सोमवार को जिला न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम विकास नागर ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. इसके साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. अर्थदंड की राशि जमा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

दरअसल, दनकौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 11 दिसंबर 2008 को घर के बाहर सात माह की मासूम से आरोपी ने डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया. परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

ये भी पढ़ें: नोएडाः टॉफी देने के बहाने घर बुलाकर 7 साल की बच्ची से डिजिटल रेप, आरोपी फरार

विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी ने बताया कि दनकौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 2022 में 7 माह की मासूम अपने दादा के साथ खाट पर घर के बाहर सो रही थी. उसी समय आरोपी मनोज वहां पर आया और पीड़िता के दादा से बात करने लगा. इस दौरान उसने पीड़िता के दादा से पीने का पानी मांगा. पीड़िता के दादा जब घर के अंदर पानी लेने चले गए इस दौरान आरोपी मनोज ने मासूम बच्ची के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया.

पीड़िता के दादा को आता देख आरोपी वहां से भागने लगा. जिसके बाद आसपास के लोगों ने आरोपी को पड़कर उसके साथ मारपीट कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपी को जेल भेज दिया. मामला दर्ज करने के बाद दनकौर पुलिस ने मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

जिला न्यायालय सूरजपुर में सुनवाई के दौरान 12 गवाह पेश किए गए. सभी गवाहों के बयान और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह के बाद अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विकास नागर ने आरोप मनोज को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा न करने पर मनोज को एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

क्या होता है डिजिटल रेप

डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं होता कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से जाल में फंसा कर किया जाए. यह शब्द दो शब्दों यानी डिजिटल और रेप से बना है. अंग्रेजी में डिजिट का मतलब जहां अंक होता है वहीं इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक उंगली, अंगूठा या पैर की उंगली इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. यानी यह रेप की वह स्थित है, जिसमें उंगली, अंगूठा या पैर की उंगली का इस्तेमाल किसी पीड़िता के नाजुक गुप्तांगों पर किया गया हो. डिजिटल रेप एक घिनौना अपराध है जिसमें बिना इजाजत के इंसान किसी के साथ अपनी उंगलियां या पर के अंगूठे से पेनिट्रेशन करता हो.

ये भी पढ़ें: निमिषा प्रिया की मां ने दाखिल किया हाईकोर्ट में हलफनामा, तीन भारतीय साथ में यमन जाने को तैयार

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: दनकौर थाना क्षेत्र में 2022 में मासूम से डिजिटल रेप के दोषी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सोमवार को जिला न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम विकास नागर ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. इसके साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. अर्थदंड की राशि जमा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

दरअसल, दनकौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 11 दिसंबर 2008 को घर के बाहर सात माह की मासूम से आरोपी ने डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया. परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी ने बताया कि दनकौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 2022 में 7 माह की मासूम अपने दादा के साथ खाट पर घर के बाहर सो रही थी. उसी समय आरोपी मनोज वहां पर आया और पीड़िता के दादा से बात करने लगा. इस दौरान उसने पीड़िता के दादा से पीने का पानी मांगा. पीड़िता के दादा जब घर के अंदर पानी लेने चले गए इस दौरान आरोपी मनोज ने मासूम बच्ची के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया.

पीड़िता के दादा को आता देख आरोपी वहां से भागने लगा. जिसके बाद आसपास के लोगों ने आरोपी को पड़कर उसके साथ मारपीट कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपी को जेल भेज दिया. मामला दर्ज करने के बाद दनकौर पुलिस ने मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

जिला न्यायालय सूरजपुर में सुनवाई के दौरान 12 गवाह पेश किए गए. सभी गवाहों के बयान और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह के बाद अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विकास नागर ने आरोप मनोज को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा न करने पर मनोज को एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

क्या होता है डिजिटल रेप

डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं होता कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से जाल में फंसा कर किया जाए. यह शब्द दो शब्दों यानी डिजिटल और रेप से बना है. अंग्रेजी में डिजिट का मतलब जहां अंक होता है वहीं इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक उंगली, अंगूठा या पैर की उंगली इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. यानी यह रेप की वह स्थित है, जिसमें उंगली, अंगूठा या पैर की उंगली का इस्तेमाल किसी पीड़िता के नाजुक गुप्तांगों पर किया गया हो. डिजिटल रेप एक घिनौना अपराध है जिसमें बिना इजाजत के इंसान किसी के साथ अपनी उंगलियां या पर के अंगूठे से पेनिट्रेशन करता हो.

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