नई दिल्ली/नोएडा: यूट्यूब पर कथित फर्जी वीडियो चलाने के मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप के मोबाइल की तलाश में बिहार पुलिस के दो पुलिसकर्मी फेज तीन कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-70 स्थित एक फ्लैट पर पहुंचे. बताया गया कि इस फ्लैट को मनीष कश्यप ने किराए पर लिया हुआ है और नोएडा आने पर वह यहां ठहरता था.
खाली हाथ लौटी पुलिस: नोएडा के फेज 3 कोतवाली पुलिस ने बिहार पुलिस के आने की पुष्टि की. हालांकि बिहार से आई टीम को फ्लैट से न तो मोबाइल मिला और न ही कोई मजबूत साक्ष्य. इस दौरान स्थानीय पुलिस भी बिहार पुलिस के साथ मौजूद रही. मनीष ने बिहार की आर्थिक अपराध शाखा को पूछताछ के दौरान बताया था कि उसका एक मोबाइल नोएडा स्थित फ्लैट पर है. हालांकि मोबाइल नहीं मिलने पर टीम वापस लौट गई. टीम को पता चला कि संबंधित फ्लैट मनीष के नाम पर नहीं है, बल्कि इसे मनीष ने किराए पर ले रखा था. बता दें कि मनीष कश्यप पर बिहार के श्रमिकों के साथ तमिलनाडु में मारपीट होने व वहां से भगाने का फर्जी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने का आरोप है.
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एक घंटे तक चला सर्च: यह मामला अचानक सुर्खियों में रहा था, जिसके बाद बिहार सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम ने तमिलनाडु जाकर जांच की थी. जांच में पूरा प्रकरण कथित रूप से फर्जी पाया गया था, जिसके बाद बिहार पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया था. स्थानीय पुलिस के मुताबिक बिहार से पुलिस टीम नोएडा पहुंची और करीब एक घंटे तक मोबाइल खोजने की कोशिश की.
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