नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस ने प्रतिबंधित चाइनीज एप्स के माध्यम से लोन देने और लोन रकम की वापसी के नाम पर वसूली करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. पुलिस की टीम ने मधु विहार के एक मकान में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर कई महिलाओं सहित 28 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले में पुलिस ने मौके से 22 लैपटॉप, 20 कंप्यूटर, 55 मोबाइल, दो वाईफाई राउटर, एक कैश काउंटिंग मशीन, 40 हजार रुपये कैश और हार्ड डिस्क बरामद की है, जिसका इस्तेमाल कॉल सेंटर चलाने में किया जा रहा था.
डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि, 30 मार्च को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि मधु विहार के एक मकान के प्रथम और तृतीय तल पर अवैध कॉल सेंटर चल रहा है, जो प्रतिबंधित चीनी ऋण आवेदनों के माध्यम से निर्दोष लोगों/ऋण चाहने वालों को संदेश भेजकर उनसे और उनके संपर्कों से अपमानजनक टिप्पणी और छेड़छाड़ की गई और नग्न तस्वीरों के माध्यम से पैसे वसूल रहा है. इसके बाद डीसीपी की निगरानी और एसीपी ऑपरेशन पंकज अरोड़ा की देखरेख में टीम का गठन किया गया.
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वह लोन चाहने वाले लोगों को एसएमएस संदेश भेजकर और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन के माध्यम से उन्हें बिना किसी गारंटी के छोटी राशि के लोन की पेशकश करके लुभाते थे. इसके बाद वे इच्छुक लोगों को चीनी ऋण एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहते थे. ऐप डाउनलोड करते समय पीड़ितों के फोन पर संपर्कों, गैलरी व अन्य मीडिया तक पहुंच प्रदान करने की अनुमति मांगी जाती थी और अधिकांश पीड़ित इसकी अनुमति दे देते थे, जिससे उन्हें पीड़ित के सभी डेटा तक एक्सेस प्राप्त हो जाता था. इसमें उनके संपर्क विवरण, चैट, फोटो आदि शामिल होते थे.
इसके बाद आरोपी इसे चीन या किसी अन्य देश में स्थित सर्वर पर अपलोड करते थे और लोगों को एक सप्ताह या छोटी अवधि के लिए छोटी ऋण राशि (10,000 रुपये तक) प्रदान करते थे. बाद में वे पीड़ितों को फोन करके परेशान करना शुरू कर देते थे और खुद को बैंक कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत करते थे और पीड़ितों को ऋण राशि चुकाने के लिए मजबूर कर जबरन वसूली करते थे.
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जांच में पता चला कि यह कॉल सेंटर पिछले 10-11 महीनों से मधु विहार स्थित मकान की पहली और तीसरी मंजिल पर चलाया जा रहा था, जो एक किराए की संपत्ति है. डीसीपी ने बताया कि कॉल सेंटर के मालिक अनिल मदान को गीता कॉलोनी से गिरफ्तार करने के साथ उसके सहयोगी संदीप वर्मा और विशाल कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों कॉल सेंटर में पीड़ितों का डाटा उपलब्ध कराते थे. अनिल मदान ने बताया की वह अबतक 30 लाख से भी ज्यादा की उगाही कर चुका है. जांच में पता चला कि इस पूरे गैंग का सरगना एक चाइनीज नागरिक है, जिसकी तलाश की जाएगी. वही आरोपी अनिल मदान को जगह और कॉल सेंटर का पूरा सेटअप उपलब्ध कराता था और बदले में वसूली की राशि पर कमीशन लिया करता था.
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