नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. देशभर में इस बार दशहरा पूजन 24 अक्टूबर, मंगलवार को होगा. विजय मुहूर्त में दशहरा पूजन करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है. अपराह्न 12:38 बजे से 14: 21 बजे तक मकर लग्न में विजय मुहूर्त आएगा, जो दशहरा पूजन के लिए बहुत श्रेष्ठ है. इसके अलावा अभिजित मुहूर्त 11:36 बजे से 12 :24 बजे तक बहुत शुभ मुहुर्त है.
ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, दशहरा पूजन के समय भारतीय समाज में शस्त्र पूजन का भी महत्व है. इस दिन घर-घर में जिसके पास जो भी शस्त्र होता है, उन सभी का पूजन करना शुभ रहता है. क्योंकि यह विजयोत्सव है और बिना शास्त्रों की विजय संभव नहीं होती है. चाणक्य ने भी कहा था कि जिस देश में शस्त्रों को जंग नहीं लगता उस देश को कोई जीत नहीं सकता.
दशहरा पूजन करने की विधि: घर के आंगन में गाय के गोबर से 10 छोटे-छोटे उपले बनाएं. आटे से चौक पूरें. उसके चारों कोने पर दो-दो उपले रखें. दो उपले ऊपर रखें. उनके ऊपर जौ के उगे हुए नौरते के रखें. उसके ऊपर सामान्य रूप से चारपाई बिछा दें. उसके ऊपर अपने यंत्र, शस्त्र पुस्तक आदि रखकर घर के सभी सदस्य बैठ करके गणेश आदि का पूजन करें. पूजन के पश्चात तीन या सात परिक्रमा करें.
दशहरा पूजन में गणेश आदि पूजन के बाद सूक्ष्म नवग्रह पूजन, कलश पूजन करें. उसके पश्चात भगवान राम को स्मरण करते हुए "रामाय रामचंद्राय रामभद्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया:पतये नमः" का 3 या 5 बार जाप करें.
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रावण दहन का शुभ मुहूर्त: 24 अक्टूबर दशहरे के दिन रावण दहन का मुहूर्त शाम प्रदोष काल में 17:39 बजे से रात्रि 22:59 बजे तक मेष, वृषभ और मिथुन लग्न में श्रेष्ठ रहेगा.