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ट्रेड फेयर: फिरोजाबाद के युवक ने शुरू किया कांच की बोतल का स्टार्टअप

उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर मनीष चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक की बोतल में ऐसे खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं, जो पानी के साथ घुलकर पीने वाले के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में फिरोजाबाद की ओर से किया गया एक स्टार्टअप सराहनीय है.

कांच की बोतल का स्टार्टअप
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Published : Nov 24, 2019, 5:43 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 39वें ट्रेड फेयर का इन दिनों लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस ट्रेड फेयर में आकर्षण का केंद्र रही उत्तर प्रदेश पवेलियन में डिस्प्लेस हुई कांच की बोतलें.

'छोटी सी पहल'

फिरोजाबाद के अर्चित अग्रवाल ने कांच की बोतलों के अपने इस स्टार्टअप प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को साकार करने में ये उनकी तरफ से एक छोटी सी पहल है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है.

कांच की बोतल का स्टार्टअप

इसलिए उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों की जगह कांच की बोतलों में पानी पीने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का स्टार्टअप शुरू किया है. अर्चित ने बताया कि यूपी सरकार ने उनकी इस पहल को सराहा है और इन बोतलों को टैक्स फ्री करने की भी बात कही.

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर मनीष चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक की बोतल में ऐसे खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं, जो पानी के साथ घुलकर पीने वाले के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में फिरोजाबाद की ओर से किया गया, यह स्टार्टअप सराहनीय है.

'48 दिनों का समय लग सकता है'

अगर कांच की बोतल प्लास्टिक की बोतलों की जगह ले तो प्लास्टिक बोतल बनाने की नौबत ही नहीं आएगी और हर जगह कांच की बोतल में ही लोगों को पानी दिया जाएगा. जो उनके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि कांच की बोतलों का यह स्टार्टअप फिलहाल बीआईएस के पास अप्रूवल के लिए पेंडिंग है, जिसे पास होने में लगभग 48 दिनों का समय लग सकता है.

उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की भी यही योजना है कि इस तरह के स्टार्टअप को बढ़ावा दे और इसलिए इन बोतलों पर स्टैंप ड्यूटी में छूट दी जाएगी, साथ ही इसे टैक्स फ्री भी किया जाएगा. इसके अलावा इसे बनाने वाली मशीन आदि में सहायता समेत कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी सरकारी दफ्तर, दुकानों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर कांच की गई बोतलें दिखाई देंगी, क्योंकि प्लास्टिक हटाने के लिए यही एक विकल्प है. मार्केट में ये कब-तक उपलब्ध होंगी और उसमें कितनी लागत होगी इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 39वें ट्रेड फेयर का इन दिनों लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस ट्रेड फेयर में आकर्षण का केंद्र रही उत्तर प्रदेश पवेलियन में डिस्प्लेस हुई कांच की बोतलें.

'छोटी सी पहल'

फिरोजाबाद के अर्चित अग्रवाल ने कांच की बोतलों के अपने इस स्टार्टअप प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को साकार करने में ये उनकी तरफ से एक छोटी सी पहल है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है.

कांच की बोतल का स्टार्टअप

इसलिए उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों की जगह कांच की बोतलों में पानी पीने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का स्टार्टअप शुरू किया है. अर्चित ने बताया कि यूपी सरकार ने उनकी इस पहल को सराहा है और इन बोतलों को टैक्स फ्री करने की भी बात कही.

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर मनीष चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक की बोतल में ऐसे खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं, जो पानी के साथ घुलकर पीने वाले के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में फिरोजाबाद की ओर से किया गया, यह स्टार्टअप सराहनीय है.

'48 दिनों का समय लग सकता है'

अगर कांच की बोतल प्लास्टिक की बोतलों की जगह ले तो प्लास्टिक बोतल बनाने की नौबत ही नहीं आएगी और हर जगह कांच की बोतल में ही लोगों को पानी दिया जाएगा. जो उनके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि कांच की बोतलों का यह स्टार्टअप फिलहाल बीआईएस के पास अप्रूवल के लिए पेंडिंग है, जिसे पास होने में लगभग 48 दिनों का समय लग सकता है.

उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की भी यही योजना है कि इस तरह के स्टार्टअप को बढ़ावा दे और इसलिए इन बोतलों पर स्टैंप ड्यूटी में छूट दी जाएगी, साथ ही इसे टैक्स फ्री भी किया जाएगा. इसके अलावा इसे बनाने वाली मशीन आदि में सहायता समेत कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी सरकारी दफ्तर, दुकानों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर कांच की गई बोतलें दिखाई देंगी, क्योंकि प्लास्टिक हटाने के लिए यही एक विकल्प है. मार्केट में ये कब-तक उपलब्ध होंगी और उसमें कितनी लागत होगी इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.

Intro:नई दिल्ली ।

प्रगति मैदान में चल रहे 39वें ट्रेड फेयर का इन दिनों लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस ट्रेड फेयर में आकर्षक का केंद्र रहा उत्तरप्रदेश पवेलियन में डिस्प्लेस हुई कांच की बोतलें. जो फिरोजाबाद कांच की चूड़ियों के लिए दुनिया भर में विख्यात है उसी फिरोजाबाद ने अब कांच की चूड़ियों से नहीं बल्कि कांच की बोतलों से दर्शकों को लुभाया है.


Body:वहीं फिरोजाबाद के अर्चित अग्रवाल ने कांच की बोतलों के अपने इस स्टार्टअप प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को साकार करने में ये उनकी ओर से छोटी सी पहल है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है इसलिए उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों की जगह कांच की बोतलों में पानी पीने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का स्टार्टअप शुरू किया है. वहीं अर्चित ने बताया कि यूपी सरकार ने उनकी इस पहल को सराहा है और इन बोतलों को टैक्स फ्री करने की भी बात कही है.

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर मनीष चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक की बोतल में ऐसे खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं जो पानी के साथ घुलकर पीने वाले के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में फिरोजाबाद की ओर से किया गया यह स्टार्टअप सराहनीय है क्योंकि यदि कांच की बोतल प्लास्टिक की बोतलों की जगह ले ले तो प्लास्टिक बोतल बनाने की नौबत ही नहीं आएगी और हर जगह कांच की बोतल में ही लोगों को पानी दिया जाएगा जो उनके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि कांच की बोतलों का यह स्टार्टअप फिलहाल बीआईएस के पास अप्रूवल के लिए पेंडिंग है जिसे पास होने में लगभग 48 दिनों का समय लग सकता है.

वहीं उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की भी यही योजना है कि इस तरह के स्टार्टअप को बढ़ावा दे और इसलिए इन बोतलों पर स्टैंप ड्यूटी में छूट दी जाएगी, साथ ही इसे टेक्सफ्री भी किया जाएगा. इसके अलावा इसे बनाने वाली मशीन आदि में सहायता सहित कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी. वहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी सरकारी दफ्तर, दुकानों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर कांच की गई बोतलें दिखाई देंगी क्योंकि प्लास्टिक हटाने के लिए यही एक विकल्प है. मार्केट में यह कबतक उपलब्ध होगी और उसमें कितनी लागत होगी इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.


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