नई दिल्ली: आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन पर लम्बे समय से चल रहे घुमावदार बयानों के बाद अब नेता इसे लेकर स्पष्ट बोलने लगे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से बातचीत की.
राजेश लिलोठिया ने कहा कि जिस पार्टी के साथ हमारी सीधी प्रतिद्वंदिता है और वैचारिक मतभेद हैं उनके साथ गठबंधन कैसे कर सकते हैं. राजेश लिलोठिया ने ये भी कहा कि केजरीवाल हमेशा यू-टर्न की राजनीति करते आए हैं इसलिए उनके साथ गठबंधन का कोई औचित्य ही नहीं बनता.
कांग्रेस हमेशा से गंठबंधन के खिलाफ
राजेश लिलोठिया ने कहा कि हम शुरू से ही गठबंधन के खिलाफ रहे हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी पहले भी कह चुकी है कि हम अपने बूते दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें जीत सकते हैं, इसलिए गठबंधन का कोई औचित्य ही नहीं है. लिलोठिया ने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी गठबंधन को लेकर चर्चा करते रहे हैं. कांग्रेस ने तो शुरू से इसे खारिज किया है.
गठबंधन पर कांग्रेस दो खेमों में
गौरतलब है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा गठबंधन को लेकर मना करने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने ऐसा बयान दिया जिस पर कांग्रेस के भीतर ही दो खेमें नजर आने लगे. क्या शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्ष गठबंधन के खिलाफ हैं.
इस सवाल पर राजेश लिलोठिया ने कहा कि पीसी चाको जी का व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन गठबंधन पर कोई भी चर्चा दिल्ली कांग्रेस कमेटी से होकर गुजरेगी और हम इसके स्पष्ट खिलाफ हैं.
राहुल गांधी से हो चुकी है सारी बातें
गठबंधन पर आलाकमान तक अपनी राय पहुंचाने को लेकर राहुल गांधी के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीटिंग हो चुकी है. लेकिन हाल के दिनों में इसको लेकर हुई बयान बाजी के बाद खबर आई कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी की तरफ से इस मुद्दे पर राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी गई है.
आप से गठबंधन का कोई औचित्य नहीं
इसे लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राजेश लिलोठिया ने कहा कि हम तो आए दिन राहुल गांधी जी के साथ पत्राचार करते रहते हैं और जब मीटिंग में उन्होंने साफ तौर पर कह दिया था कि हम सातों सीटें जीतेंगे तो फिर इस पर बाकी चर्चा का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.