नई दिल्ली: राजधानी में तिहाड़ जेल में हुई गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. इससे पहले मामले की जांच हरि नगर थाने की पुलिस कर रही थी. इसके लिए स्पेशल सेल ने चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर कोर्ट में ही पूछताछ करने की अनुमति ले ली है. इस मामले में योगेश टुंडा, दीपक तीतर, रियाज खान और राकेश बवानिया को आरोपी बनाया गया है.
हत्या के बाद पुलिस को गैंगवार की आशंका है इसलिए स्पेशल सेल ने तय किया है कि आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही कोर्ट में पेश किया जाएगा, ताकि टिल्लू ताजपुरिया गिरोह के लोग उनपर हमला न कर सकें. स्पेशल सेल ने हरि नगर थाना पुलिस से मामले की फाइल, दस्तावेज और सभी सुबूत ले लिए हैं.
जेल अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ: योगेश टुंडा और राजेश बवानिया को मार्च में दूसरी जेलों से यहां स्थानांतरित कर लाया गया था. पुलिस को यह बात अखर रही है कि आखिर एक ही गिरोह के बदमाशों की संख्या यहां क्यों बढ़ाई गई. जब गोगी गिरोह के बदमाशों की संख्या यहां अधिक थी तो यहां पर टिल्लू को क्यों लाया गया. अब स्पेशल सेल की जांच टीम चारों आरोपियों और जेल अधिकारियों के साथ ही जेल में तैनात सुरक्षा गार्डों से पूछताछ के लिए अलग-अलग सवालों की सूची तैयार कर रही है.
गवाहों से अधिक साइंटिफिक एविडेंस पर जोर: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के मामले में स्पेशल सेल, गवाहों से ज्यादा साइंटिफिक एविडेंस पर फोकस कर रही है. पुलिस ने तिहाड़ जेल से खून के धब्बे, हत्या में इस्तेमाल की गई रॉड के अलावा सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं. कहा जा रहा है कि इस हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज अहम सबूत साबित होगा. दिल्ली पुलिस के पूर्व उपायुक्त एवं एडवोकेट एलएन राव ने बताया कि जांच के दौरान जुटाए गए साइंटिफिक एविडेंस बहुत अहम होते हैं. उन्होंने बताया कि जेल में हुई इस वारदात की जांच के लिए पुलिस के पास काफी सुबूत हैं.
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उनसे यह पूछा गया कि, 'क्या यह हत्या जेल में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल है?.' इसपर उन्होंने जवाब दिया कि यह क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा नहीं बल्कि एडमिनिस्ट्रेटिव इन्वेस्टिगेशन का विषय है. अगर दिल्ली पुलिस को लगता है कि मामले में किसी जेल अधिकारी की भूमिका या लापरवाही है तो उसकी अलग से जांच की जा सकती है.
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