ETV Bharat / state

Protection of Environment: सरफराज और साक्षी 300 टन प्लास्टिक वेस्ट से बना चुके हैं शानदार प्रोडक्ट्स, CM योगी ने भी की है सराहना

दुनिया भर में प्लास्टिक का निस्तारण करना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. लेकिन गाजियाबाद में सरफराज और साक्षी 300 टन प्लास्टिक वेस्ट से तरह-तरह के शानदार प्रोडक्ट्स बना चुके हैं.

प्लास्टिक का निस्तारण
प्लास्टिक का निस्तारण
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 7, 2023, 6:33 AM IST

प्लास्टिक वेस्ट से बना चुके हैं शानदार प्रोडक्ट्स

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दुनिया भर में प्लास्टिक वेस्ट एक बड़ी समस्या बना हुआ है. प्लास्टिक का निस्तारण न होने के चलते यह नालों के माध्यम से नदियों में पहुंच रहा है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, आवारा पशु प्लास्टिक खाकर मौत की गोद में समा रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण की दुश्मन प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण के लिए गाजियाबाद की रहने वाली साक्षी झा और सरफराज ने स्थायी समाधान निकाला. खाने पीने का पैकेजिंग मैटेरियल हो या फिर प्लास्टिक की बोतल. सभी तरह के वेस्ट को रिसाइकल कर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

सरफराज और साक्षी पेशे से आर्टिस्ट हैं. साक्षी जहां एक तरफ मधुबनी पेंटिंग्स बनाने का शौक रखती हैं. वहीं, सरफराज भी देश-विदेश की प्रतिष्ठित एग्जीबिशन में अपनी पेंटिंग्स को प्रदर्शित करते हैं. दोनों ने अपनी आर्ट को एक नई दिशा देकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने की मुहिम छेड़ रखी है.

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम: साक्षी ने बताया कि 2018 में उन्होंने और सरफराज ने मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक वेस्ट से स्वच्छ भारत का लोगो तैयार किया था. इसके बाद से नए-नए आइडिया आते गए और यह मुहिम आगे बढ़ती गई. कई ऐसे प्रोजेक्ट्स प्लास्टिक वेस्ट से तैयार किया जा चुका है, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया है. नोएडा में इसका सबसे बड़ा चरखा और गाजियाबाद में दुनिया का सबसे बड़ा कीबोर्ड बनाया गया. इसी के लिए हमारा नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है.

प्लास्टिक वेस्ट से बनाए जा रहे शानदार प्रोडक्ट्स: साक्षी बताती है कि जब प्लास्टिक वेस्ट से बनी चीजें लोग देखते हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता. उन्हें लगता हैं कि जो चीज कूड़े में पड़ी होती है, उसका इस्तेमाल कर इतनी शानदार प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते हैं. 5 सालों में 300 टन प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल कर विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स बनाए जा चुके हैं. अब एनसीआर की विभिन्न सोसाइटियों द्वारा उन्हें प्लास्टिक वेस्ट भी उपलब्ध कराया जाता है. कई NGO भी उनके साथ जुड़कर पर्यावरण को प्लास्टिक वेस्ट से मुक्त रखने में सहयोग कर रही है.

ये भी पढ़ें:

  1. Grap First Phase: दिल्ली एनसीआर में लागू हुआ ग्रैप का पहला चरण, इन बातों का रखें ध्यान
  2. Renewable Energy India Expo का ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव ने किया दौरा, कहा- यूपी भी दे रहा इस क्षेत्र को बढ़ावा

प्लास्टिक वेस्ट से बना चुके हैं शानदार प्रोडक्ट्स

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दुनिया भर में प्लास्टिक वेस्ट एक बड़ी समस्या बना हुआ है. प्लास्टिक का निस्तारण न होने के चलते यह नालों के माध्यम से नदियों में पहुंच रहा है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, आवारा पशु प्लास्टिक खाकर मौत की गोद में समा रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण की दुश्मन प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण के लिए गाजियाबाद की रहने वाली साक्षी झा और सरफराज ने स्थायी समाधान निकाला. खाने पीने का पैकेजिंग मैटेरियल हो या फिर प्लास्टिक की बोतल. सभी तरह के वेस्ट को रिसाइकल कर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

सरफराज और साक्षी पेशे से आर्टिस्ट हैं. साक्षी जहां एक तरफ मधुबनी पेंटिंग्स बनाने का शौक रखती हैं. वहीं, सरफराज भी देश-विदेश की प्रतिष्ठित एग्जीबिशन में अपनी पेंटिंग्स को प्रदर्शित करते हैं. दोनों ने अपनी आर्ट को एक नई दिशा देकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने की मुहिम छेड़ रखी है.

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम: साक्षी ने बताया कि 2018 में उन्होंने और सरफराज ने मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक वेस्ट से स्वच्छ भारत का लोगो तैयार किया था. इसके बाद से नए-नए आइडिया आते गए और यह मुहिम आगे बढ़ती गई. कई ऐसे प्रोजेक्ट्स प्लास्टिक वेस्ट से तैयार किया जा चुका है, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया है. नोएडा में इसका सबसे बड़ा चरखा और गाजियाबाद में दुनिया का सबसे बड़ा कीबोर्ड बनाया गया. इसी के लिए हमारा नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है.

प्लास्टिक वेस्ट से बनाए जा रहे शानदार प्रोडक्ट्स: साक्षी बताती है कि जब प्लास्टिक वेस्ट से बनी चीजें लोग देखते हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता. उन्हें लगता हैं कि जो चीज कूड़े में पड़ी होती है, उसका इस्तेमाल कर इतनी शानदार प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते हैं. 5 सालों में 300 टन प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल कर विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स बनाए जा चुके हैं. अब एनसीआर की विभिन्न सोसाइटियों द्वारा उन्हें प्लास्टिक वेस्ट भी उपलब्ध कराया जाता है. कई NGO भी उनके साथ जुड़कर पर्यावरण को प्लास्टिक वेस्ट से मुक्त रखने में सहयोग कर रही है.

ये भी पढ़ें:

  1. Grap First Phase: दिल्ली एनसीआर में लागू हुआ ग्रैप का पहला चरण, इन बातों का रखें ध्यान
  2. Renewable Energy India Expo का ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव ने किया दौरा, कहा- यूपी भी दे रहा इस क्षेत्र को बढ़ावा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.