नई दिल्ली: सन् 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगे में बड़ी संख्या में सिखों का कत्लेआम हुआ था. यह दंगे 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए भड़काए गए थे, जिसमें सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था. इसका कारण यह था कि इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके दोनों सुरक्षाकर्मी सिख थे, जिन्होंने गोली मारकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी.
मारे गए थे तीन हजार से अधिक सिख: इसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने उनकी हत्या का बदला लेने के लिए सिख समुदाय को निशाना बनाना और उनके घरों को आग लगाने के लिए लोगों को भड़काना शुरू कर दिया था. इस दंगे में तीन हजार से अधिक सिख समुदाय के लोग मारे गए थे. एक से चार नवंबर, 1984 में हुए इन दंगों को भड़काने का आरोप कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगा था.
दो मामले में हो चुके हैं बरी: इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट सहित कई जिला अदालतों में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए. इनमें सज्जन कुमार को कई मामलों में नामजद किया गया था, जिनमें से एक मामले में उन्हें उम्र कैद की सजा हुई, जबकि दो मामलों में वो बरी हो चुके हैं. वहीं तीसरे मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल के कोर्ट में चल रही है. सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार पर कितने मुकदमे दर्ज हुए, क्या-क्या आरोप लगे और अभी किस केस की क्या स्थिति है, इन सबके जवाब जानिए इस एक्सप्लेनर में..
सवाल-सज्जन कुमार, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, पूर्व नौसेना अधिकारी कैप्टन भागमल और अन्य तीन आरोपियों को किस कोर्ट ने और कब बरी किया था?
जवाब- सज्जन कुमार के अलावा कोर्ट ने पांच अन्य आरोपियों को भी वर्ष 2013 में राज नगर दंगे में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या और भीड़ को उकसाने के मामले में दोषी ठहराया था. लेकिन 2013 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सज्जन कुमार को इस मामले से बरी कर दिया. इसे सीबीआई ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
सवाल-1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सज्जन कुमार पर क्या-क्या आरोप लगे?
जवाब- सिख विरोधी दंगे के दौरान कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर भीड़ का नेतृत्व करने, भीड़ को भड़काने और सिख समुदाय के घरों को टारगेट करने का आरोप लगा था. साथ ही उनपर दंगे की साजिश रचने और दो समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाने का भी आरोप लगा था.
सवाल-सिख विरोधी दंगे के किस-किस घटना में सज्जन कुमार का नाम आया, केस चला और बाद में आरोप साबित न होने पर उन्हें बरी किया गया?
जवाब- दंगे के दौरान सज्जन कुमार पर राजनगर, दिल्ली कैंट, जनकपुरी व विकासपुरी और सुल्तानपुरी में दंगों को भड़काने का आरोप लगा था. सज्जन कुमार द्वारा भीड़ भड़काने के कारण सिख समुदाय के कई लोगों की हत्या हुई. बाद में संदेह का लाभ (बेनेफिट ऑफ डाउट) देते हुए कोर्ट ने सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट दंगा मामले में बरी किया. वहीं सुल्तानपुरी दंगा मामले में 20 सितंबर, 2023 को बरी किया.
सवाल-सज्जन कुमार पर 1984 सिख विरोधी दंगों का अब कौन सा केस, किस कोर्ट में चल रहा है?
जवाब-सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार पर अभी, जनकपुरी इलाके में हुई सिख सोहन सिंह और उनके दामाद की हत्या व विकासपुरी पुलिस थाना इलाके में गुरूचरण सिंह को भीड़ द्वारा जलाकर मारने का केस चल रहा है. इस मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.
सवाल-किस केस में कोर्ट ने सज्जन कुमार पर लगी 302 (हत्या) की धारा हटाई थी?
जवाब- जनकपुरी और विकासपुरी में हुई हिंसा के दौरान तीन लोगों की हत्या में लगाई गई 302 (हत्या) की धारा को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट से आरोप तय करते समय हटा दिया था.
सवाल-सज्जन कुमार को सिख दंगे के किस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई और यह मामला क्या है?
जवाब- दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर, 2018 को सज्जन कुमार को दिल्ली के राजनगर इलाके में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या और गुरुद्वारे में आग लगाने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद 31 दिसंबर 2018 को सज्जन कुमार ने कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, जहां से उन्हें मंडोली जेल भेजा गया था. इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था.
सवाल- सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे जनकपुरी और विकासपुरी में हुई तीन हत्याओं के मामले में भीड़ को भड़काने के मामले में अगली सुनवाई कब होगी?
जवाब- जनकपुरी और विकासपुरी में सिख विरोधी दंगे के दौरान हुई तीन सिखों की हत्या के दौरान भीड़ को भड़काने के मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. 21 सितंबर, 2023 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में गैर जरूरी गवाहों के बयानों और दस्तावेजों को रिकॉर्ड से हटाया. मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल कर रहे हैं.
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