नई दिल्ली: गाजियाबाद में वकील दो दिनों से हड़ताल पर हैं. तहसील बार एसोसिएशन ने भी वकीलों की हड़ताल का समर्थन कर रजिस्ट्री का कार्य बंद कर दिया है. वकीलों का कहना है कि हापुड़ में हुए वकीलों के लाठीचार्ज पर जो भी पुलिस के अधिकारी दोषी हैं. उनको हटाया जाए और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए. जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक रजिस्ट्री का कार्य बंद रहेगा.
दरअसल, वकीलों की हड़ताल से रजिस्ट्री आदि काम बंद होने से सरकार को राजस्व का मोटा नुकसान हो रहा है. रजिस्ट्री बंद होने के चलते तकरीबन 10 करोड़ रुपए के राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है.
एडीएम फाइनेंस विवेक श्रीवास्तव के मुताबिक, विगत दो दिनों से अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते रजिस्ट्री का कार्य प्रभावित हुआ है. गाजियाबाद में प्रतिदिन 500 से 600 के करीब रजिस्ट्री होती हैं. इसमें तकरीबन 4 से 6 करोड़ रुपए का राजस्व निहित रहता है. पिछले दो दिनों से हड़ताल की वजह से राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. सब रजिस्ट्रार द्वारा शासकीय दायित्वों का निर्वहन पूरी तरह से किया जा रहा है.
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव के मुताबिक, बार काउंसिल द्वारा 15 सितंबर तक हड़ताल निर्धारित की गई है. बार काउंसिल द्वारा आगे जो भी निर्देश अधिवक्ताओं के लिए जारी किए जाएंगे उसका सभी अधिवक्ता पालन करेंगे. वहीं, पूर्व अध्यक्ष से जब सवाल किया गया कि अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है? इस पर उनका कहना था कि यदि सरकार ने वकीलों की मांगे मान ली होती तो हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर ना होना पड़ता.
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