नई दिल्ली: एक शताब्दी पहले एडविन लुटियन ने दिल्ली को एक नई शक्ल दी थी, वो दिल्ली लुटियंस दिल्ली कहलाती है. ये हिस्सा राजधानी का सबसे VVIP हिस्सा है. लुटियन ने इसे ऐतिहासिक दिल्ली का हिस्सा बनाया और अब भारत सरकार इस जगह का पुनर्निमाण करने जा रही है. देश की संसद से लेकर नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक का नजारा बदला हुआ नजर आएगा. इसके नए डिजाइन के लिए आगामी 15 अक्टूबर तक केंद्र सरकार टेंडर जारी कर सकती है.
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर गुरुवार शाम को प्री-बिड बैठक हुई है. ये प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसलिए पूरी पारदर्शिता के साथ इसकी शुरुआत की जा रही है.
अगले साल शुरू होगा निर्माण कार्य
अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1911 में संसद और राष्ट्रपति भवन को बनाने की शुरुआत की. यहां पर 1927 तक किया गया निर्माण कार्य बहुत अच्छा है, लेकिन इसके बाद किये गए निर्माण में दिक्कतें आ रही हैं. इन्हें बनाने में पुरानी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसलिए इनके पुनर्निमाण को लेकर विचार किया जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल यह निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे.
देश को मिलेगी नई संसद, सांसदों को केबिन
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि देश की संसद ऐतिहासिक है. इसलिए अभी यह तय नहीं हुआ है कि इसी जगह पर नई संसद बनेगी या इसके पास पड़ी खाली जमीन में नई संसद खड़ी की जाएगी. इसे लेकर फिलहाल विचार विमर्श चल रहा है. अभी संसद में सांसदों के पास बैठने के लिए कमरे नहीं हैं. कोई उनसे मिलने आये तो उनके पास वह जगह नहीं है जहां बैठकर बातचीत कर सकें. नए संसद में यह सभी सुविधाएं होंगीं. इसके अलावा नए संसद में तय सांसदों की संख्या से ज्यादा सीट होंगी ताकि भविष्य में अगर उनकी संख्या बढ़े तो किसी तरह की दिक्कत न आये.
सभी दफ्तर भी नए बनाये जाएंगे
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस पुनर्निमाण के दौरान आसपास मौजूद दफ्तरों पर भी काम किया जाएगा. नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उद्योग भवन, शास्त्री भवन को भी नए सिरे से बनाया जाएगा. अभी यह तय नहीं हुआ है कि इन्हें एक जगह बनाया जाएगा या अलग-अलग जगहों पर बनाकर आपस में जोड़ा जाएगा. फिलहाल अभी इसके लिए बैठक का दौर चल रहा है.