नई दिल्लीः दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग में अब तक जितने भी चेयरमैन रहे, उनमें से ज्यादातर IPS-IAS रेंक के अधिकारी या किसी बड़ी हस्ती को ये जिम्मेदारी दी जाती रही है. लेकिन इस बार दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपनी पार्टी संगठन से जुड़े पूर्व निगम पार्षद जाकिर खान को ये जिम्मेदारी सौंपा है. जिस पर सामाजिक क्षेत्रों से आवाजें उठनी शुरू हो गई है.
इसी बीच ऑल इंडिया कौमी तंजीम के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल हमीद वारसी ने दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने पद की गरिमा को कम करने का केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है. हमीद वारसी ने कहा कि एक बहुत बड़े पद पर एक बहुत छोटे आदमी को बैठा दिया गया, जब कि इस पद पर हमेशा से बड़े रैंक के अधिकारी बैठत हैं.
अब्दुल हमीद ने कहा कि सफदर खान, कमर अहमद जैदी और डॉक्टर जफर उल इस्लाम खान ने चेयरमैन रहते इस पद की गरिमा को बनाए रखा. जफर उल इस्लाम खान ने तो हक बात पर आवाज उठाने में भी देर नहीं लगाई, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और उन्हें दोबारा चेयरमैन नहीं बनाया गया.