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हवा की सुस्त रफ्तार के कारण नही नही छट रहा प्रदूषण, इस बार प्रदूषण के पीछे पराली नहीं है वजह - Air Quality Index

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कहर बढ़ रहा है. एनसीआर के दर्जन भर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर में शनिवार को खासा बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया (pollution Level in Red Zone) गया है. दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है.

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Published : Oct 22, 2022, 6:43 PM IST

नई दिल्ली: दिवाली से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स में बड़ा इजाफा होना खतरनाक माना जा रहा है. आज सुबह एनसीआर के कई इलाके स्मोग की चादर में लिपटे दिखाई दिए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 265, गाज़ियाबाद का 310, नोएडा का 289 और ग्रेटर नोएडा का 260 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब (Air got worse in Delhi NCR) श्रेणी में है. जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

दिवाली से पहले प्रदूषण में हो रही बढ़त को खतरनाक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है.(Pollution of Delhi NCR after Diwali) मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिनों में प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की कोई उम्मीद नही है. दिवाली के दौरान अगर अधिक पटाखे चलाए गए तो प्रदूषण में और इजाफा हो सकता है.

दिल्ली-एनसीआरइलाका प्रदूषण स्तर(AQI)
आईटीओदिल्ली257
शादीपुरदिल्ली 332
वजीरपुरदिल्ली318
मुंडकादिल्ली 314
लोनीगाज़ियाबाद357
सेक्टर 116नोएडा314
सेक्टर 125नोएडा 296


सुस्त हवा की रफ्तार

मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा समय में प्रदूषण का मुख्य कारक धूल और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है. जबकि पराली के कारण प्रदूषण 4 से 5 प्रतिशत है. बढ़ती ठंड और धीमी होती हवा की रफ्तार से हवा में मौजूद प्रदूषण छठ नहीं रहा है. इसकी वजह से कई इलाकों में सुबह के वक्त स्मोग देखने को मिल रहा है. प्रदूषण के छटने के लिए हवा की रफ्तार तकरीबन 10 किलोमीटर प्रति घंटा होनी जरूरी है. 23 अक्टूबर को हवा की गति तीन किलोमीटर प्रति घंटा जबकि 24 अक्टूबर को चार किलोमीटर प्रति घंटा रहने की आशंका जताई जा रही है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index)

जब AQI 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क

जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले में अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं, जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मास्क को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

इस भी पढ़ें: दिल्ली-NCR में सबसे प्रदूषित गाजियाबाद

बाहर निकलने से करें परहेज

सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

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नई दिल्ली: दिवाली से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स में बड़ा इजाफा होना खतरनाक माना जा रहा है. आज सुबह एनसीआर के कई इलाके स्मोग की चादर में लिपटे दिखाई दिए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 265, गाज़ियाबाद का 310, नोएडा का 289 और ग्रेटर नोएडा का 260 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब (Air got worse in Delhi NCR) श्रेणी में है. जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

दिवाली से पहले प्रदूषण में हो रही बढ़त को खतरनाक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है.(Pollution of Delhi NCR after Diwali) मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिनों में प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की कोई उम्मीद नही है. दिवाली के दौरान अगर अधिक पटाखे चलाए गए तो प्रदूषण में और इजाफा हो सकता है.

दिल्ली-एनसीआरइलाका प्रदूषण स्तर(AQI)
आईटीओदिल्ली257
शादीपुरदिल्ली 332
वजीरपुरदिल्ली318
मुंडकादिल्ली 314
लोनीगाज़ियाबाद357
सेक्टर 116नोएडा314
सेक्टर 125नोएडा 296


सुस्त हवा की रफ्तार

मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा समय में प्रदूषण का मुख्य कारक धूल और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है. जबकि पराली के कारण प्रदूषण 4 से 5 प्रतिशत है. बढ़ती ठंड और धीमी होती हवा की रफ्तार से हवा में मौजूद प्रदूषण छठ नहीं रहा है. इसकी वजह से कई इलाकों में सुबह के वक्त स्मोग देखने को मिल रहा है. प्रदूषण के छटने के लिए हवा की रफ्तार तकरीबन 10 किलोमीटर प्रति घंटा होनी जरूरी है. 23 अक्टूबर को हवा की गति तीन किलोमीटर प्रति घंटा जबकि 24 अक्टूबर को चार किलोमीटर प्रति घंटा रहने की आशंका जताई जा रही है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index)

जब AQI 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क

जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले में अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं, जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मास्क को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

इस भी पढ़ें: दिल्ली-NCR में सबसे प्रदूषित गाजियाबाद

बाहर निकलने से करें परहेज

सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

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