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Delhi NCR Pollution: हवा की सेहत में सुधार, फिर भी AQI खराब कैटेगरी में बरकरार - delhi ncr latest news

दिल्ली और एनसीआर में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई. वहीं दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका आनंद विहार दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 371 के स्तर पर पहुंच गया. इसके बावजूद एक्यूआई खराब कैटेगरी में ही बरकरार है.

pollution level increased in delhi ncr
pollution level increased in delhi ncr
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Published : Jan 20, 2023, 12:31 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में शुक्रवार को थोड़ा सुधार दर्ज किया गया. गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 दर्ज किया गया है, वहीं गाजियाबाद और नोएडा का प्रदूषण स्तर भी खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया है.

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर242
शादीपुर343
डीटीयू दिल्ली245
आईटीओ दिल्ली278
सिरिफ्फोर्ट256
मंदिर मार्ग278
आरके पुरम267
पंजाबी बाग265
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम256
नेहरू नगर324
द्वारका सेक्टर 8283
पटपड़गंज273
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज279
अशोक विहार260
सोनिया विहार276
जहांगीरपुरी278
रोहिणी246
विवेक विहार313
नजफगढ़200
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम289
नरेला261
ओखला फेस टू272
बवाना262
श्री औरबिंदो मार्ग266
आनंद विहार371
IHBAS दिलशाद गार्डन219

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर-

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा260
इंदिरापुरम187
संजय नगर213
लोनी215

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर-

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62276
सेक्टर 125236
सेक्टर 1202
सेक्टर 116236

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जब यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

यह भी पढ़ें-Delhi Weather Update: दिल्ली के तापमान में लगातार दूसरे दिन सुधार, हल्की बारिश की संभावना

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में शुक्रवार को थोड़ा सुधार दर्ज किया गया. गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 दर्ज किया गया है, वहीं गाजियाबाद और नोएडा का प्रदूषण स्तर भी खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया है.

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर242
शादीपुर343
डीटीयू दिल्ली245
आईटीओ दिल्ली278
सिरिफ्फोर्ट256
मंदिर मार्ग278
आरके पुरम267
पंजाबी बाग265
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम256
नेहरू नगर324
द्वारका सेक्टर 8283
पटपड़गंज273
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज279
अशोक विहार260
सोनिया विहार276
जहांगीरपुरी278
रोहिणी246
विवेक विहार313
नजफगढ़200
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम289
नरेला261
ओखला फेस टू272
बवाना262
श्री औरबिंदो मार्ग266
आनंद विहार371
IHBAS दिलशाद गार्डन219

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर-

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा260
इंदिरापुरम187
संजय नगर213
लोनी215

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर-

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62276
सेक्टर 125236
सेक्टर 1202
सेक्टर 116236

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जब यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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