नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण चरम पर है. गाजियाबाद, नोएडा समेत एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिवाली के त्योहार से चंद घंटे पहले हवा में घुल रहे प्रदूषण के जहर का घुलना काफी खतरनाक माना जा रहा है. एनसीआर के दर्जन भर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर में सोमवार को खासा बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के तकरीबन दर्जन भर से अधिक इलाकों में प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है.
आज सुबह एनसीआर के कई इलाके स्मोग की चादर में लिपटे दिखाई दिए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305, गाज़ियाबाद का 304, नोएडा का 308 और ग्रेटर नोएडा का 301 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर रेड जोन में है, जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.
दिवाली से पहले प्रदूषण में हो रही बढ़त खतरनाक संकेत के तौर पर देखी जा रही है. विशेषज्ञों की माने तो दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है. अगर पिछले वर्षों की बात करें तो अक्टूबर के आखरी हफ्ते में दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. सोमवार को दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों के प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड और डार्क रेड जोन में पहुंच चुका है, जो की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.
दिल्ली-एनसीआर | प्रदुषण स्तर (AQI) |
आनंद विहार, दिल्ली | 402 |
ITO, दिल्ली | 313 |
NSIT द्वारका, दिल्ली | 329 |
शादीपुर | 292 |
जहांगीरपुरी | 333 |
लोनी, गाज़ियाबाद | 388 |
सेक्टर 116, नोएडा | 348 |
सेक्टर 125, नोएडा | 258 |
एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें
• बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.
• घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
• दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
• दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
• शाम को गर्म पानी का भाप लें.
• गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.
• सुस्त हवा की रफ्तार
मौसम विभाग की माने तो मौजूदा समय में प्रदूषण का मुख्य कारक धूल और गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ है. जबकि पराली के कारण प्रदूषण 4 से 5% है, बढ़ती ठंड और धीमी होती हवा की रफ्तार से हवा में मौजूद प्रदूषण छठ नहीं रहा है. जिसकी वजह से कई इलाकों में सुबह के वक्त के स्मोग देखने की मिल रहा है. प्रदूषण के छटने के लिए हवा की रफ्तार तकरीबन 10 किलोमीटर प्रति घंटा होनी जरूरी है. 23 अक्टूबर को हवा की गति 3 किलोमीटर प्रति घंटा जबकि 24 अक्टूबर को 4 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की आशंका जताई जा रही है.
• घर पर तैयार करें कॉटन मास्क
जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले में अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.
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