नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के पहले पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने बुधवार को चार्ज संभाल कर जिले में कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत कर दी. मिश्रा (IPS Ajay Mishra) 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. सोमवार देर शाम अजय मिश्रा को गाजियाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था. उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले अजय मिश्रा पुलिस परिवार से ही आते हैं. उनके पिता यूपी पुलिस से सेवानिवृत्त हैं. उनकी गिनती प्रदेश की तेजतर्रार अधिकारियों में होती है.
पदभार ग्रहण करने बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि जिले में अपराध पर लगाम लगाने के लिए विभागीय अधिकारियों से बातचीत कर बेहतर रणनीति तैयार की जाएगी. शासन की मंशा के अनुरूप महिलाओं के प्रति अपराध और कमजोर लोगों के प्रति अपराध पर लगाम लगाना प्राथमिकता रहेगी. गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट बनने से लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं. कमिश्नरेट व्यवस्था से लोगों को पुलिस के ज्यादा रेस्पॉन्सिव होने की उम्मीद होती है. साथ ही दो हफ्ते में कमिश्नरी प्रणाली को प्राइमरी स्टेज में लॉन्च करना प्राथमिकता रहेगी. सभी डीसीपी और एसीपी और कोर्ट्स को सुचारू करना प्राथमिकता रहेगी. जिले की यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा. तीन से चार महीने में बदलाव नजर आने लगेगा.
उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों को लेकर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि चुनाव में पुलिस का रोल शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है. चुनावों को लेकर पुलिस की तैयारी चल रही है. अजय मिश्रा ने कहा कि अपराध को रोकने के लिए जिले में पेट्रोलिंग के साथ-साथ सीसीटीवी कवरेज भी बढ़ाई जाएगी. शासन से जिले में एक हजार पुलिसकर्मी और तैनात किए जाएंगे. मैनपावर अधिक होने से पुलिस का जिले में मूवमेंट जिले में और अधिक दिखाई देगा. सुपरवाइजरी स्तर पर मैन पावर बढ़ने से सुपरविजन की क्वालिटी बढ़ती है.
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बता दें, अजय मिश्रा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान सात सालों तक इंटेलिजेंस ब्यूरो में रहे हैं, जिसका फायदा उनको गाजियाबाद जैसे संवेदनशील जिला को मिल सकता है. कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अब गाजियाबाद कमिश्नरेट में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. आईजी रैंक के अधिकारी जॉइंट कमिश्नर बन पाएंगे. इससे जनपद की कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की समीक्षा का कार्य तेजी से हो सकेगा.
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिसिंग के रैंक में भी बदलाव हो जाएगा. थानों को लेकर सीओ की तैनाती के स्थान पर एसीपी की तैनाती की जाएगी. उनके अधिकार अधिक होंगे. वहीं, कमिश्नरेट में तैनात होने वाले पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हो जाएगी. कमिश्नरेट क्षेत्र में अब पुलिस कमिश्नर के पास मजिस्ट्रेट की शक्तियां भी होंगी. लॉ एंड ऑर्डर संबंधी अधिकार अब कमिश्नर के पास होंगे.
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