नई दिल्ली: पहाड़गंज इलाके में 31 अगस्त की रात कूरियर कंपनी के दो कर्मचारियों से हुई लूट (Paharganj jewelery loot) का मामला उलझता जा रहा है. लूट के 3 महीने बाद भी नए तथ्य सामने आ रहे हैं. अभी भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुल कितने रुपये के गहने की लूट हुई थी और क्या लूटे गए सभी आभूषण बरामद कर लिए गए हैं ? चर्चा है कि अभी एक किलो से अधिक वजन के सोने के आभूषण बरामद किए जाने बाकी हैं. इस मामले में मध्य जिले की पुलिस उपायुक्त श्वेता चौहान ने कहा कि जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम इस मामले में जांच कर रही है. किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है. जल्द ही कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बरामद किए गए गहनों को संबंधित व्यक्ति को सौंप दिया जाएगा.
6 करोड़ के गहने बरामद हुए :पहाड़गंज इलाके में बीती 30 अगस्त की रात जय माता दी लॉजिस्टिक नाम की कूरियर कंपनी के दो कर्मचारियों से लूट हुई थी. बदमाशों ने कर्मचारियों से दो बैग व एक कार्टन लूट लिया था, जिनमें बड़ी मात्रा में सोने के गहने थे. शुरुआत में पुलिस ने जानकारी दी गई कि करीब 3 करोड़ रुपये के गहनों की डकैती हुई है. मध्य जिले की स्पेशल स्टाफ टीम ने 2 सितंबर को तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया जिनसे 6 करोड़ रुपये के गहने बरामद कर लिए गए. बरामद किए गए गहनों में 6.2 किलो सोने के आभूषण, 3 किलो चांदी के आभूषण और 105 हीरे समेत कई अन्य बहुमूल्य रत्नों वाले आभूषण शामिल थे.
ये भी पढ़ें : - गन पॉइंट पर सोने के व्यापारी से 50 लाख की लूट का खुलासा, मास्टरमाइंड सहित 4 आरोपी गिरफ्तार
कूरियर कंपनी ने हाईकोर्ट में लगाई अर्जी : 12 सितंबर को कोरियर कंपनी ने कोर्ट में अर्जी लगाकर कहा है कि बरामद गहने उसे सुपुर्द किए जाएं, जिनके गहने हैं वह उन्हें दे देगी. इसपर मध्य जिले के तत्कालीन स्पेशल स्टाफ के इंजार्च व अन्य पुलिसकर्मियों ने कोई आपत्ति नहीं की. बाद में वरिष्ठ अधिकारियों को मामले में कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बरामद गहनों की पहले उसके वास्तविक मालिकों की ओर से पहचान कराई जाए, इसके बाद ही गहनों को कूरियर कंपनी के सुपुर्द किया जाए.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वारदात के बाद जब पुलिस ने गहने बरामद किए थे, तब कूरियर कंपनी की ओर से कहा गया था कि जिनके गहने हैं, उन्हें वह पहचानती है और इन गहनों को वह उन्हें सौंप देगी, लेकिन अब कूरियर कंपनी के मालिक सुनील कुमार ने बयान दिया है कि उनका काम पार्सल देना है. पार्सल में क्या है, उसकी पहचान पार्सल का मालिक ही कर सकता है, वह नहीं. इस बीच, हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को कहा है कि बरामद आभूषणों के मालिकों की पहचान कर 15 दिसंबर तक बताएं.
इन सवालों के नहीं मिल रहे जवाब
- पुलिस ने लूट के समय लूटे गए गहनों का पूरा ब्यौरा क्यों नहीं हासिल किया?
- जो गहने लूटे गए थे, उनके मालिकों की पहचान क्यों नहीं की गई?
- बरामदगी के बाद स्पेशल स्टाफ ने गहनों की उनके वास्तविक मालिकों द्वारा पहचान कराने को लेकर कदम क्यों नहीं उठाए?
बरामद सामान का बिल से अब तक नहीं हुआ मिलान : वारदात के बाद कूरियर कंपनी की तरफ से लूटे गए गहनों के 98 बिल पुलिस को दिए गए थे, लेकिन बाद में 23 बिल और दिए गए. बिल के हिसाब से गहने ज्यादा होने चाहिए थे, जबकि ऐसा नहीं है. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस मामले में मध्य जिले के स्पेशल स्टाफ ने जो बरामदगी की है वे गहने लूटे गए गहनों से कम हैं और कई किलो सोने व हीरे वाले गहने अब भी बरामद होने बाकी हैं. लूट के इस मामले में मध्य जिले के स्पेशल स्टाफ की ओर से आरोप- पत्र दाखिल किया जा चुका है.
ये भी पढ़ें : - विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल इमीग्रेशन रैकेट का मास्टरमाईंड गिरफ्तार