नई दिल्लीः पढ़ाई लिखाई और सीखने सिखाने की कोई उम्र नहीं होती है. जब व्यक्ति चाहे पढ़ सकता है. ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक कांपीटेंस एनहेंसमेंट स्कीम को फिर से शुरू किया है. स्कीम के अंतर्गत जो लोग पहले से अपना कोई व्यवसाय कर रहे हैं वे अपने व्यवसाय में और दक्षता हासिल करने के लिए दाखिला ले सकते हैं. इस स्कीम के अंतर्गत सभी कोर्सेज में डीयू के कोर्सेज में सीटों की कुल संख्या की 10 प्रतिशत सीटें रखी गई हैं. कोर्स में दाखिले के लिए इच्छुक लोग 12 जनवरी तक पंजीकरण करा सकते हैं.
कोर्स को संचालित कर रहे इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लोंग लर्निंग के निदेशक डॉ. संजॉय राय ने बताया कि पिछले साल इस योजना में 58 लोगों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन बाद में जरूरी दस्तावेज पूरे न होने के चलते सिर्फ तीन ही लोग कोर्स शुरू कर पाए. बाकी लोग बाहर हो गए. इन तीन लोगों में एक की उम्र 63 वर्ष, दूसरे की 52 वर्ष और तीसरे की 27 वर्ष थी. इनमें दो व्यवसायी और एक छात्र है. उन्होंने कहा कि पिछले साल यह योजना पहली बार शुरू हुई थी तो बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी थी. इसलिए कम लोगों ने ही पंजीकरण कराया था. अब इस बार इसके प्रचार प्रसार के लिए जल्दी विज्ञापन भी निकाला जाएगा.
डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य नई जानकारी के साथ दक्षता में वृद्धि करना है. उनका कहना है कि इस योजना के तहत उद्यमी नए कौशल व प्रौद्योगिकी अर्जित करके अपने व्यवसाय में वृद्धि कर सकेंगे. इसके तहत प्रबंधन पाठ्यक्रमों के अध्ययन से निम्न व मध्य स्तर के प्रबंधन कर्मियों के प्रबंधकीय कौशल में सुधार होगा. जो लोग सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों या तत्कालीन समय के दौरान किसी कमी के कारण पहले अपेक्षित योग्यता प्राप्त नहीं कर सके, वह इस योजना से उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के सपनों को पूरा कर सकेंगे.
कुलपति के अनुसार, इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक अपनी योग्यता, ज्ञान, कौशल में वृद्धि करके महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने में सक्षम होंगे. पारंपरिक कारीगर, शिल्पकार अथवा श्रमिक इस योजना के तहत नवीनतम तकनीक व मशीन का उपयोग करना सीखकर अपने कौशल में सुधार करेंगे और पारंपरिक प्रणाली के बजाए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने में खुद को उन्नत करेंगे.
ये होंगे पात्रता के मापदंड: डीयू कुलपति के अनुसार ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी मौजूदा पाठ्यक्रम के लिए निर्दिष्ट न्यूनतम पात्रता मापदंड और अनिवार्य शर्तें, को पूरा करता है, तो उस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकता है. हालांकि, प्रवेश सीटों की उपलब्धता के अनुरूप और मेरिट के आधार पर ही होगा. इस योजना के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या उस पाठ्यक्रम की कक्षा की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत तक होगी. पाठ्यक्रम में इन 10% सीटों का प्रावधान अलग से होगा.
कोर्स के लिए पंजीकरण और वैधता: किसी भी पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण योग्यता के आधार पर किया जाएगा. जो उम्मीदवार पहले से ही किसी अन्य विश्वविद्यालय या संस्थान में नियमित छात्र या नियोजित कर्मचारी के रूप में नामांकित है, उसे मूल विश्वविद्यालय या उसके नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर डीयू में पंजीकरण के समय जमा करना होगा.
विशिष्ट पाठ्यक्रम के लिए उम्मीदवारों का पंजीकरण केवल उसी सेमेस्टर के लिए मान्य होगा. जो विद्यार्थी किसी पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने में विफल रहते हैं, यदि वह ऐसे पाठ्यक्रम से क्रेडिट अर्जित करना चाहते हैं और संबंधित प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें पाठ्यक्रम में पुनः पंजीकरण करवाना होगा. एक उम्मीदवार को एक सेमेस्टर में अधिकतम दो पाठ्यक्रमों या आठ क्रेडिट के लिए पंजीकरण करने की अनुमति होगी.
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फीस और प्रमाणपत्र: ऐसे कोर्स में पंजीकरण करने वाले उम्मीदवारों के लिए देय शुल्क 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया है. एक दो पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकृत उम्मीदवार को विश्वविद्यालय के निर्धारित मापदंडों के अनुसार पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा. उसके अर्जित क्रेडिट को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में उसके खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.