नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में शिकायतकर्ता निसार अहमद की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर लिया है. निसार अहमद ने अपनी घर में आग लगाये जाने की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस एफआईआर का कोई स्टेटस नहीं बता रही थी. जस्टिस सुरेश कैत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वो अपनी सुरक्षा और दूसरी शिकायतों के लिए उचित प्राधिकार जाएं.
माइक और स्पीकर लगाकर नारे लगाए जा रहे थे
निसार अहमद ने याचिका दायर कर कहा था कि उसने देखा था कि कश्यप रोड और मेन नाला के मोड़ पर माइक और स्पीकर लगाकर नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में नारे लगाए जा रहे थे. माइक से भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे, जिसकी वजह से हिंसा भड़की. याचिका में कहा गया था कि निसार अहमद ने देखा कि कई स्थानीय लोगों ने वहां लोगों लूटपाट मचाई और उसके घर में आग लगाई.
कपिल मिश्रा पर आरोप
याचिका में कहा गया था कि निसार अहमद और उसके परिवार वाले अपने मकान की तीसरी मंजिल से बगल के घर में कूदकर किसी तरह अपनी जान बचाई. घर से भागने में उसके पड़ोसियों ने मदद की. वहीं आरोप लगाया गया है कि 24 फरवरी को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भीड़ को उकसाया, जिसके बाद जाफराबाद के नजदीकी इलाकों में हिंसा भड़की. हालांकि, उनका भागीरथी विहार का इलाका बाकी इलाकों से शांत था लेकिन चार बजे शाम को उनके इलाके के कुछ लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में प्रदर्शन शुरू किया.
पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया था
याचिका में कहा गया कि निसार अहमद ने इस संबंध में पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराने गया था लेकिन पुलिस ने 3 मार्च को एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया. पुलिस के मना करने के बावजूद उसने अपनी शिकायत पुलिस को दी और लौट गया. लेकिन उस शिकायत के स्टेटस के बारे में कुछ नहीं बताया गया. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने निसार की शिकायत को गोकलपुरी थाने में दर्ज एक एफआईआर में शामिल कर लिया है. इस मामले में तीन और एफआईआर गोकलपुरी थाने में दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह एफआईआर की प्रति शिकायतकर्ता को दे देगी. वे इस मामले की चार्जशीट भी शिकायतकर्ता के वकील को उपलब्ध कराएंगे.