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निर्भया के दोषी मुकेश को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज

निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश ने ट्रायल कोर्ट की ओर से फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुकेश ने कहा था कि वो घटना वाले दिन दिल्ली में नहीं था.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Mar 18, 2020, 9:08 PM IST

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. जस्टिस बृजेश सेठी ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया है.

ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी
निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश ने ट्रायल कोर्ट की ओर से फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुकेश ने कहा था कि वो घटना वाले दिन दिल्ली में नहीं था. पिछले 17 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया था. मुकेश के वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि मुकेश को 17 दिसंबर 2012 को राजस्थान में गिरफ्तार किया गया था.

साक्ष्य अधिनियम का हवाला दिया था
सुनवाई के दौरान मनोहर लाल शर्मा ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 44 का हवाला दिया था. मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि मुकेश को राजस्थान के करौली से 17 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया और बाद में समय 16 दिसंबर का डाल दिया गया.

सरकारी वकील ने मनोहर लाल शर्मा की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. ये फांसी में देरी करवाने का एक तरीका है. कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट ने मुकेश के करोली से गिरफ्तारी की बात खारिज कर दी थी. तब सरकारी वकील ने कहा था कि इस कोर्ट को अपीलीय क्षेत्राधिकार नहीं है.


सब-इंस्पेक्टर अरविंद ने अपनी गवाही में कबूला था
मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि मुकेश को करोली से गिरफ्तार करने की बात सब-इंस्पेक्टर अरविंद ने अपनी गवाही में कबूल किया था लेकिन अभियोजन ने इस बात को छिपाया था. याचिका में कहा गया था कि उसकी मौत की सजा को निरस्त किया जाए. याचिका में कहा गया था कि जेल में उसे प्रताड़ित किया गया. आपको बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया है.

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. जस्टिस बृजेश सेठी ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया है.

ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी
निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश ने ट्रायल कोर्ट की ओर से फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुकेश ने कहा था कि वो घटना वाले दिन दिल्ली में नहीं था. पिछले 17 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया था. मुकेश के वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि मुकेश को 17 दिसंबर 2012 को राजस्थान में गिरफ्तार किया गया था.

साक्ष्य अधिनियम का हवाला दिया था
सुनवाई के दौरान मनोहर लाल शर्मा ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 44 का हवाला दिया था. मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि मुकेश को राजस्थान के करौली से 17 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया और बाद में समय 16 दिसंबर का डाल दिया गया.

सरकारी वकील ने मनोहर लाल शर्मा की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. ये फांसी में देरी करवाने का एक तरीका है. कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट ने मुकेश के करोली से गिरफ्तारी की बात खारिज कर दी थी. तब सरकारी वकील ने कहा था कि इस कोर्ट को अपीलीय क्षेत्राधिकार नहीं है.


सब-इंस्पेक्टर अरविंद ने अपनी गवाही में कबूला था
मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि मुकेश को करोली से गिरफ्तार करने की बात सब-इंस्पेक्टर अरविंद ने अपनी गवाही में कबूल किया था लेकिन अभियोजन ने इस बात को छिपाया था. याचिका में कहा गया था कि उसकी मौत की सजा को निरस्त किया जाए. याचिका में कहा गया था कि जेल में उसे प्रताड़ित किया गया. आपको बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया है.

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