नई दिल्ली: यमन में मौत की सजा पाई केरल की नर्स की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर यमन जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. वर्ष 2016 से भारत सरकार यमन की यात्रा पर रोक लगाई हुई है, जिसके कारण भारतीय नागरिक सरकार की अनुमति के बिना वहां नहीं जा सकते हैं. दरअसल, यमन के सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा की मौत की सजा को बदलने की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद अब निमिषा को मौत की सजा से बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता बचता है कि उसका परिवार पीड़ित परिवार से जाकर ब्लड मनी को लेकर बातचीत करें. अगर ब्लड मनी को लेकर बातचीत हो जाती है तो मौत की सजा माफ हो सकती है.
उल्लेखनीय है निमिषा को यमन के एक नागरिक की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई. वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन में प्रचलित शरिया कानून के तहत दोषी परिवार की पीड़ित परिवार के साथ सीधी बातचीत ही अब सजा माफी की दिशा में आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता है. लेकिन, यह उतना आसान नहीं जितना लगता है.
वकील ने बताया कि निशा की मां केरल के कोच्चि में एक परिवार के लिए घरेलू सहायिका के रूप में काम करती हैं. उसने अपनी बेटी का केस लड़ने के लिए अपनी संपत्ति बेच दी है. एक मां को न्याय मिले यह सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यकर्ताओं और प्रवासियों ने 2023 में निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल का गठन किया. मंच अब केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से पीड़ित परिवार से बातचीत करने का अनुरोध कर रहा है.
क्या होता है ब्लड मनी: वकील ने बताया कि ब्लड मनी वह मुआवजा है जो पीड़ित परिवार के द्वारा उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तय किया जाता है. हालांकि, ब्लड मनी को लेकर बातचीत पीड़ित और दोषी के परिवार के बीच होती है. अगर दोनों किसी एक रकम पर सहमत हो जाते हैं तो दोषी की रिहाई का रास्ता साफ हो जाता. लेकिन, इस बातचीत के लिए नर्स की मां का यमन पहुंचना बहुत जरूरी है. इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से उसकी मां के अनुरोध पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आग्रह किया है.
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यह है पूरा मामला: प्रिया को यमन निवासी तलाल अब्दो मेहंदी से अपना पासपोर्ट वापस पाने के प्रयास में उसे नशीला इंजेक्शन देकर उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया गया था. 2017 में हुई हत्या के बाद से प्रिया यमन की जेल में बंद है. वकील सुभाष चंद्र ने कहा कि 2017 में यमन में आंतरिक संघर्ष शुरू हो गया और उनके पति और बच्चे भारत लौट आए. वह उस समय अकेली थी, जब उनके स्पॉन्सरों ने उनके साथ दुर्व्यवहार करना और उन्हें शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. साथ ही उन्होंने प्रिया का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. वह वहां से भागने में असमर्थ थी. अपना पासवर्ड वापस पाने के लिए प्रिया ने उसे बेहोश करने की कोशिश की. लेकिन, अधिक मात्रा में दवा देने से उसकी मृत्यु हो गई. सना शहर में प्रिया पर मुकदमा चलाया गया था.