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Delhi flood: यमुना खादर इलाके में बाढ़ से 200 से ज्यादा परिवार बेघर, देखें ग्राउंड रिपोर्ट - floods in Yamuna Khadar

दिल्ली में यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और इसका असर राजधानी में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि यमुना खादर के इलाके में बुधवार रात बाढ़ के पानी का स्तर अचानक बढ़ने से लोगों को रातों रात अपना घर छोड़कर भागना पड़ा.

बाढ़ से 200 से ज्यादा परिवार बेघर
बाढ़ से 200 से ज्यादा परिवार बेघर
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Published : Jul 13, 2023, 8:04 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 8:35 PM IST

यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है

नई दिल्ली: दिल्ली के अक्षरधाम के नजदीक यमुना खादर इलाके में बुधवार रात बाढ़ के पानी का स्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा. बताया जा रहा है कि रात के समय यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर के इलाके में पांच से सात फीट तक पानी बढ़ गया, जिससे लोगों के घरों में पानी घुस गया. यही वजह है कि लोगों को मजबूरन अपने घर गृहस्थी का सामान और पशुओं को छोड़कर वहां से निकलना पड़ा. कुछ लोग खुद से निकल कर सुरक्षित जगह पर आ गए, जबकि कुछ लोगों को जिला प्रशासन की टीम ने नाव से रेस्क्यू किया.

बता दें, यमुना खादर में बनीं लोगों की झुग्गियां पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं. मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित सड़क पर दिल्ली सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से ज्यादा कैंप लगाए गए हैं, लेकिन यह कैंप बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त नहीं हैं. यहां रह रहे पीड़ित परिवारों की संख्या 200 से ज्यादा है. प्रत्येक परिवार में चार से पांच सदस्य हैं. बातचीत में लोगों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं और करीब 20 साल से यहां खेती कर रहे हैं. अभी खेत में तोरई, लौकी, खीरा, ककड़ी की फसल थी जो पानी में डूब चुकी है. जिससे अंदाजन 50 हजार से एक लाख रुपए तक का नुकसान हो चुका है.

पीड़ित किसानों का कहना है कि अभी सारी सब्जियां महंगी हैं तो प्रतिदिन एक से दो हजार रुपए की आमदनी सब्जी बेचकर हो रही थी. लेकिन, अब फसल डूबने से उनके पास पैसे की किल्लत हो गई है. दो-चार दिनों का ही राशन बचा है. इसके बाद वह सरकारी मदद पर ही निर्भर है. अभी कुछ समाज सेवी संस्थाओं और सरकार की तरफ से खाना मिल रहा है. लेकिन, खाने के अलावा भी खर्चे होते हैं छोटे बच्चों के लिए दूध, बिस्किट और बाकी चीजों की भी जरूरत पड़ती है. इसकी अभी किल्लत है.

  • #WATCH | Several areas of Delhi are reeling under flood or flood-like situations due to the rise in the water level of River Yamuna; visuals from near the Nizamuddin area pic.twitter.com/F15oAPKTT9

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रामकिशन ने बताया कि बीते 20 सालों में पहली बार इतना पानी आया है. पहले हल्का पानी आता था और एक दो दिन में खत्म हो जाता था. इस बार भी उन्हें इतना पानी आने की उम्मीद नहीं थी इसलिए जल्दी जगह खाली नहीं की. पानी बढ़ने से अचानक जगह छोड़ने की वजह से कपड़े, राशन, गाय, भैंस, बकरी और कुत्ते भी झुग्गियों में रह गए. कई लोगों ने बताया कि उनकी सब्जी बेचने की रेहड़ी, बिक्की, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, भी पानी में ही खड़े रह गए हैं.

NDRF की 2 टीमें रेस्क्यू में लगी: दोपहर एक बजे से एनडीआरएफ की दो टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में लगी है. एनडीआरएफ की टीम ने दो नौकाओं से 30 लोगों को पानी से निकाला है. डिप्टी कमांडेंट अजीत कुमार के साथ करीब 20 एनडीआरएफ के जवान यहां रेस्क्यू करने में लगे हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन की पांच नौकाएं भी यहां पर लोगों को रेस्क्यू कर रही है. रात करीब 9:00 बजे भी जिला प्रशासन द्वारा लोगों को यहां पानी से निकाला गया है.

45 साल बाद दिल्ली वालों ने देखी बाढ़.
45 साल बाद दिल्ली वालों ने देखी बाढ़.

दिन में पशुओं को निकाल रहे किसान: रात में अचानक पानी भरने की वजह से लोगों ने खुद को किसी तरह निकाला. लेकिन पशु पानी में ही रह गए थे. अब लोग पशुओं को भी निकाल रहे हैं. साथ जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई नौकाओं की भी मदद ले रहे हैं. पशुओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से लोग अपने साधन बना करके पशुओं को पानी से निकाल रहे हैं. इनमें गाय, भैंस, बकरी और कुत्ते शामिल हैं. लोग यहां खेती करने के साथ ही पशुपालन भी कर रहे थे. रात को सामान और अपनी रखवाली के लिए लोगों ने कुत्ते भी पाल रखे हैं.

शिविरों के पास दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस वालंटियर तैनात: राहत शिविरों के पास दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस वालंटियर की तैनाती की गई है. जिससे लोग अपने सामान को निकालने के लिए खतरा मोल न लें. साथ ही अनधिकृत लोग शिविरों में न पहुंचे. खाना वितरण के समय कोई भगदड़ न हो. इन तमाम बातों का ख्याल रखा जा रहा है.

मयूर विहार से नोएडा जाने वाले रोड पर लगाए गए टेंट: मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के पास से नोएडा की तरफ जाने वाले रोड पर टेंट लगाए गए हैं. दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाले ट्रैफिक को मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते की ओर डाइवर्ट किया गया है. ट्रैफिक पुलिस के जवान भी यहां ट्रैफिक को रेगुलेट करने के लिए तैनात किए गए हैं. यहां लोगों द्वारा खुद भी तिरपाल तानकर तंबू बनाए गए हैं. सड़क पर तंबू लगाने की वजह से रोड भी संकरी हो गई है. ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से यहां जाम की स्थिति न बने इसके लिए ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है.

  • #WATCH | Delhi: Drone visuals of Garhi Mendu village. The area has been heavily flooded due to the rising water level of Yamuna River

    (Video source - Delhi Police) pic.twitter.com/qTUKzfrgsY

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है

नई दिल्ली: दिल्ली के अक्षरधाम के नजदीक यमुना खादर इलाके में बुधवार रात बाढ़ के पानी का स्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा. बताया जा रहा है कि रात के समय यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर के इलाके में पांच से सात फीट तक पानी बढ़ गया, जिससे लोगों के घरों में पानी घुस गया. यही वजह है कि लोगों को मजबूरन अपने घर गृहस्थी का सामान और पशुओं को छोड़कर वहां से निकलना पड़ा. कुछ लोग खुद से निकल कर सुरक्षित जगह पर आ गए, जबकि कुछ लोगों को जिला प्रशासन की टीम ने नाव से रेस्क्यू किया.

बता दें, यमुना खादर में बनीं लोगों की झुग्गियां पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं. मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित सड़क पर दिल्ली सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए 100 से ज्यादा कैंप लगाए गए हैं, लेकिन यह कैंप बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त नहीं हैं. यहां रह रहे पीड़ित परिवारों की संख्या 200 से ज्यादा है. प्रत्येक परिवार में चार से पांच सदस्य हैं. बातचीत में लोगों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं और करीब 20 साल से यहां खेती कर रहे हैं. अभी खेत में तोरई, लौकी, खीरा, ककड़ी की फसल थी जो पानी में डूब चुकी है. जिससे अंदाजन 50 हजार से एक लाख रुपए तक का नुकसान हो चुका है.

पीड़ित किसानों का कहना है कि अभी सारी सब्जियां महंगी हैं तो प्रतिदिन एक से दो हजार रुपए की आमदनी सब्जी बेचकर हो रही थी. लेकिन, अब फसल डूबने से उनके पास पैसे की किल्लत हो गई है. दो-चार दिनों का ही राशन बचा है. इसके बाद वह सरकारी मदद पर ही निर्भर है. अभी कुछ समाज सेवी संस्थाओं और सरकार की तरफ से खाना मिल रहा है. लेकिन, खाने के अलावा भी खर्चे होते हैं छोटे बच्चों के लिए दूध, बिस्किट और बाकी चीजों की भी जरूरत पड़ती है. इसकी अभी किल्लत है.

  • #WATCH | Several areas of Delhi are reeling under flood or flood-like situations due to the rise in the water level of River Yamuna; visuals from near the Nizamuddin area pic.twitter.com/F15oAPKTT9

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रामकिशन ने बताया कि बीते 20 सालों में पहली बार इतना पानी आया है. पहले हल्का पानी आता था और एक दो दिन में खत्म हो जाता था. इस बार भी उन्हें इतना पानी आने की उम्मीद नहीं थी इसलिए जल्दी जगह खाली नहीं की. पानी बढ़ने से अचानक जगह छोड़ने की वजह से कपड़े, राशन, गाय, भैंस, बकरी और कुत्ते भी झुग्गियों में रह गए. कई लोगों ने बताया कि उनकी सब्जी बेचने की रेहड़ी, बिक्की, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, भी पानी में ही खड़े रह गए हैं.

NDRF की 2 टीमें रेस्क्यू में लगी: दोपहर एक बजे से एनडीआरएफ की दो टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में लगी है. एनडीआरएफ की टीम ने दो नौकाओं से 30 लोगों को पानी से निकाला है. डिप्टी कमांडेंट अजीत कुमार के साथ करीब 20 एनडीआरएफ के जवान यहां रेस्क्यू करने में लगे हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन की पांच नौकाएं भी यहां पर लोगों को रेस्क्यू कर रही है. रात करीब 9:00 बजे भी जिला प्रशासन द्वारा लोगों को यहां पानी से निकाला गया है.

45 साल बाद दिल्ली वालों ने देखी बाढ़.
45 साल बाद दिल्ली वालों ने देखी बाढ़.

दिन में पशुओं को निकाल रहे किसान: रात में अचानक पानी भरने की वजह से लोगों ने खुद को किसी तरह निकाला. लेकिन पशु पानी में ही रह गए थे. अब लोग पशुओं को भी निकाल रहे हैं. साथ जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई नौकाओं की भी मदद ले रहे हैं. पशुओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से लोग अपने साधन बना करके पशुओं को पानी से निकाल रहे हैं. इनमें गाय, भैंस, बकरी और कुत्ते शामिल हैं. लोग यहां खेती करने के साथ ही पशुपालन भी कर रहे थे. रात को सामान और अपनी रखवाली के लिए लोगों ने कुत्ते भी पाल रखे हैं.

शिविरों के पास दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस वालंटियर तैनात: राहत शिविरों के पास दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस वालंटियर की तैनाती की गई है. जिससे लोग अपने सामान को निकालने के लिए खतरा मोल न लें. साथ ही अनधिकृत लोग शिविरों में न पहुंचे. खाना वितरण के समय कोई भगदड़ न हो. इन तमाम बातों का ख्याल रखा जा रहा है.

मयूर विहार से नोएडा जाने वाले रोड पर लगाए गए टेंट: मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन के पास से नोएडा की तरफ जाने वाले रोड पर टेंट लगाए गए हैं. दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाले ट्रैफिक को मयूर विहार फेज-1 मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते की ओर डाइवर्ट किया गया है. ट्रैफिक पुलिस के जवान भी यहां ट्रैफिक को रेगुलेट करने के लिए तैनात किए गए हैं. यहां लोगों द्वारा खुद भी तिरपाल तानकर तंबू बनाए गए हैं. सड़क पर तंबू लगाने की वजह से रोड भी संकरी हो गई है. ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से यहां जाम की स्थिति न बने इसके लिए ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है.

  • #WATCH | Delhi: Drone visuals of Garhi Mendu village. The area has been heavily flooded due to the rising water level of Yamuna River

    (Video source - Delhi Police) pic.twitter.com/qTUKzfrgsY

    — ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Last Updated : Jul 13, 2023, 8:35 PM IST
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