नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान और उनकी पत्नी आसमा रहमान को एक स्कूल की प्रधानाचार्य पर हमला करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मामला वर्ष 2009 का है. आप विधायक अब्दुल रहमान और उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानाध्यापक रजिया सुल्तान को मारा ही नहीं, बल्कि जान से मारने की धमकी देते हुए अपशब्द कहा था. साथ ही उन्हें ड्यूटी करने से भी रोका गया.
राउज एवेन्यू कोर्ट के जज हरजीत सिंह जसपाल ने अपने फैसले में कहा कि दोनों ने एक समान मकसद से सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य के साथ हाथापाई की और सरकारी कामकाज करने से भी रोका था. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 353, 506 और 34 के तहत दोनों को दोषी माना है. आसमा पर धारा 332 के तहत भी अपराध सिद्ध हुआ है.
घटना के एक दिन बाद हुई FIR: बता दें कि मामले में घटना के एक दिन बाद एफआईआर दर्ज हुई थी. चश्मदीद गवाहों में से एक ने भी बयान दर्ज नहीं कराया था. इसमें कोई मेडिको लीगल केस यानी एमएलसी भी नहीं थी. यह घटना चार फरवरी 2009 को हुई. इस मामले में केस एक दिन बाद 5 फरवरी को दर्ज कराया गया था.
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सात साल तक की सजा का प्रावधान: कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता राजीव तोमर ने बताया कि धारा 353 सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाना और 506 जान से मारने की धमकी देने के मामले में अलग-अलग सजा का प्रावधान है. 353 में तीन साल से लेकर अधिकतम सात साल तक की सजा हो सकती है. जबकि 506 में दो साल तक की सजा होने का प्रावधान है. अगर कोर्ट अब्दुल रहमान को दो साल से अधिक की सजा सुनाता है, तो उनकी विधायकी जाना तय है. बता दें कि अब्दुल रहमान आम आदमी पार्टी के पार्षद रहते हुए वर्ष 2020 में विधायक चुने गए थे. उसके बाद उन्होंने पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया था. रहमान की पत्नी आसमां भी निगम पार्षद रह चुकी हैं.
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