नई दिल्ली: ईद उल अज़हा के मौके पर इस साल जामा मस्जिद के मीना बाजार में बकरा मंडी नहीं लगेगी. जिसको लेकर मस्जिद एंग्लो अरेबिक स्कूल के इमाम मौलाना मुफ़्ती क़ासिम क़ासमी ने कहा कि जामा मस्जिद मीना बाजार में हर साल बकरा मंडी लगती है. जिसके बारे में कहा जा रहा है कि कोरोना के कारण एमसीडी ने उसकी अभी तक इजाज़त नहीं दी और उम्मीद इसी बात की है कि आगे भी इजाज़त नहीं दी जाएगी.
बकरा मंडी क्यों नहीं खुल सकती
उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगी. इसलिए वहां बकरा मंडी लगाने की इजाज़त नहीं दी गई. लेकिन मुफ़्ती क़ासमी का कहना है कि जब अनाज मंडी, दाल मंडी, सब्ज़ी मंडी, फल मंडी और चावड़ी बाजार और अन्य सभी बाजार खुल सकते हैं, तो मीना बाजार में बकरा मंडी क्यों नहीं खुल सकती है.
सामाजिक दूरी का पालन जरूरी
मुफ़्ती क़ासमी ने कहा कि सभी बाजारों में सामाजिक दूरी का कोई पालन नहीं किया जा रहा है क्योंकि यहां कोई ऐसी व्यवस्था बन ही नहीं सकती कि सामाजिक दूरी का पालन कराया जाए. लेकिन यदि बकरा मंडी लगाने की इजाज़त दी जाती तो वहां सामाजिक दूरी का पालन करने की पूरी व्यवस्था की जा सकती थी.
दी जाए इजाजत
मुफ़्ती क़ासमी ने कहा कि मीना बाजार के जिस पार्क में मंडी लगती है उसके 4 गेट है. वहां आसानी के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखने का इंतज़ाम किया जा सकता था. टोकन सिस्टम भी शुरू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसलिए हम कहते हैं कि जब सब कुछ खुल सकता है तो फिर सिर्फ बकरा मंडी को कुछ दिन लगाने की इजाज़त क्यों नहीं दी जा सकती. अगर सरकार चाहे तो सब कुछ हो सकता है.