नई दिल्ली: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष महीने का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. मार्गशीर्ष का महीना भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय है. कार्तिक पूर्णिमा की समाप्ति के बाद से ही मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत होती है. मंगलवार 28 नवंबर 2023 से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत हो चुकी है. मार्गशीर्ष महीने को लेकर मान्यता है कि इस महीने में श्री कृष्ण की सच्चे मन से आराधना करने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही अमोघ फल की प्राप्ति होती है.
भगवान कृष्ण की कृपा पाने का महीना: आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने को अघन भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष का महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है. मार्गशीर्ष महीने को देवों की कृपा पाने का महीना भी कहा जाता है. भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मैं महीने में मार्गशीर्ष हूं. मार्गशीर्ष महीने में शुभ कार्य करने से श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है. संक्रांति बदलने से पहले शुभ काम किए जाते हैं.
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मार्गशीर्ष महीने में करे ये खास काम: मार्गशीर्ष महीने में श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने और व्रत उपवास रखने से भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा बरसती है. आचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं की संभव हो तो इस महीने में उपवास रखें यदि उपवास रखने में असमर्थ हैं तो एक समय भोजन ग्रहण करें. यदि ऐसा करने में भी असमर्थ है तो अपने आचरण को अच्छा रखें. मधुर वाणी का प्रयोग करें और गुस्से पर नियंत्रण रखें. मार्गशीर्ष का महीना उच्च स्थान देने वाला महीना है यानी कि भगवान के चरणों में स्थान देने वाला महीना है.
मार्गशीर्ष महीने में दान का विशेष महत्व: शिव कुमार शर्मा के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है ऐसे में इस महीने में दान करना भी बेहद फलदाई बताया गया है. गरीबों को कंबल वस्त्र भोजन आदि दान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मार्गशीर्ष महीने में जो व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों की सेवा करता है. उस पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा बरसती है.
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