नई दिल्ली: राजधानी में कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रकाचल ने दिल्ली दंगों के दौरान खजूरी खास के एक मदरसे में तोड़फोड़ और आगजनी करने के मामले में 13 आरोपियों पर आरोप तय करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया राममन, विशाल, नीतीश कौशिक, अतुल गुप्ता, अक्षय कुमार, शिवम ठाकुर, रोहताश सिंह, शिवम शर्मा, वैभव, परमवीर भाटी, रामबाबू, सुभाष सिंह और आशु शाह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 427, 435, 436, 450, 149 के तहत ट्रायल करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
दरअसल, शिकायतकर्ता मोहम्मद आरिफ ने दो मार्च 2020 को खजूरी खास थाने में मदरसे में आगजनी और तोड़फोड़ की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि 25 फरवरी 2020 को देर रात दंगाइयों की भीड़ ने सीआरपीएफ कैंप के पास मदरसे में आग लगा दी थी. इसके बाद भीड़ द्वारा भड़काऊ नारे भी लगाए गए. उस समय मदरसे के अंदर 100 से अधिक धार्मिक किताबों के अलावा 1.35 लाख रुपये नकद भी रखे थे. मदरसे में सुबह की शिफ्ट में 100 युवकों और शाम की शिफ्ट में 80 युवतियों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है.
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पुलिस ने इस घटना की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान 25 अगस्त 2020 को शिकायतकर्ता ने पुलिस को अलग-अलग तीन वीडियो क्लिप भी उपलब्ध कराई. इसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. अदालत ने मामले से जुड़े तमाम पहलुओं और सबूतों पर गौर करने के बाद सभी 13 आरोपियों पर संबंधित धाराओं में ट्रायल करने का आदेश दिया.
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