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INX Media Deal: चिदंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी - वकील अमित महाजन

आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) मामले में ईडी के तीन अधिकारी आज सुबह तिहाड़ जेल चिदंबरम से पूछताछ के लिए पहुंचे. ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश के चिदंबरम को ले जाने की अनुमति नहीं दी.

INX Media Deal: चिदंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी
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Published : Oct 16, 2019, 8:00 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) मामले में तिहाड़ जेल में बंद पी चिदरंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. आज ईडी ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की कोर्ट को बताया कि उसने चिदंबरम से पूछताछ की है और उन्हें गिरफ्तार किया है. उसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो चिदंबरम को कल यानि 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करें.

पूछताछ के लिए तिहाड़ पहुंची ED
ईडी की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि ईडी के अधिकारियों ने चिदंबरम के बयान भी दर्ज किए हैं. आपको बता दें कि ईडी के तीन अधिकारी आज सुबह तिहाड़ जेल चिदंबरम से पूछताछ के लिए पहुंचे. ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश के चिदंबरम को ले जाने की अनुमति नहीं दी.

पिछले 15 अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ के बाद गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद आज ईडी के तीन अधिकारी चिदंबरम से पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे.

हुई थी जोरदार बहस

ईडी चिदंबरम को पिछले 15 अक्टूबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट से ही पूछताछ के बाद हिरासत में लेना चाहती थी लेकिन कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. सुनवाई के दौरान ईडी ने चिदंबरम की हिरासत में लेने की मांग की थी. ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिरासत में लेकर पूछताछ की बात की है. इसका चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी चिदंबरम की गिरफ्तारी और हिरासत की मांग नहीं कर सकती है. सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जब गिरफ्तार करने के लिए कहा तो ईडी ने उस समय गिरफ्तार नहीं किया. 15 दिन बीतने के बाद हिरासत में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि ईडी भी उसी लेनदेने की बात कर रही है जो सीबीआई कर रही है.

'ED हिरासत की मांग नहीं कर सकती है'

सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था और उस एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था. दोनों अलग-अलग नहीं हैं. जब लेनदेन समान है तो भले ही अपराध अलग-अलग हों लेकिन 15 दिन से ज्यादा की रिमांड नहीं बढ़ाई जा सकती है. ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब गलत सवाल से शुरुआत होगी तो दलीलें भी गलत दी जाएंगी. उन्होंने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग स्वतंत्र अपराध है. अगर किसी ने अपराध किया है, उसे छिपाया है या उसे छिपाने की कोशिश की है वो अपराधी है. मेहता ने कहा था कि अगर आप 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं और कोई इसे इस्तेमाल करता है और निवेश करता है तो जांच एजेंसी का काम है कि उसका खुलासा करे. उन्होंने कहा था कि एक जांच एजेंसी की तरह ही दूसरी एजेंसी की जांच नहीं हो सकती है. मेहता ने कहा था कि इस कोर्ट को प्रोडक्शन वारंट के फैसले पर पुनर्विचार का अधिकार नहीं है. तब सिब्बल ने कहा था कि जब न्यायिक हिरासत पहले से है तो ईडी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है.

याचिका में ईडी ने कहा है कि चिदंबरम से 17 खातों और विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है. चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) मामले में सीबीआई केस में 17 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

ये है मामला
आपको बता दें कि पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) मामले में तिहाड़ जेल में बंद पी चिदरंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. आज ईडी ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की कोर्ट को बताया कि उसने चिदंबरम से पूछताछ की है और उन्हें गिरफ्तार किया है. उसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो चिदंबरम को कल यानि 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करें.

पूछताछ के लिए तिहाड़ पहुंची ED
ईडी की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि ईडी के अधिकारियों ने चिदंबरम के बयान भी दर्ज किए हैं. आपको बता दें कि ईडी के तीन अधिकारी आज सुबह तिहाड़ जेल चिदंबरम से पूछताछ के लिए पहुंचे. ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश के चिदंबरम को ले जाने की अनुमति नहीं दी.

पिछले 15 अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ के बाद गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद आज ईडी के तीन अधिकारी चिदंबरम से पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे.

हुई थी जोरदार बहस

ईडी चिदंबरम को पिछले 15 अक्टूबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट से ही पूछताछ के बाद हिरासत में लेना चाहती थी लेकिन कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. सुनवाई के दौरान ईडी ने चिदंबरम की हिरासत में लेने की मांग की थी. ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिरासत में लेकर पूछताछ की बात की है. इसका चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी चिदंबरम की गिरफ्तारी और हिरासत की मांग नहीं कर सकती है. सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जब गिरफ्तार करने के लिए कहा तो ईडी ने उस समय गिरफ्तार नहीं किया. 15 दिन बीतने के बाद हिरासत में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि ईडी भी उसी लेनदेने की बात कर रही है जो सीबीआई कर रही है.

'ED हिरासत की मांग नहीं कर सकती है'

सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था और उस एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था. दोनों अलग-अलग नहीं हैं. जब लेनदेन समान है तो भले ही अपराध अलग-अलग हों लेकिन 15 दिन से ज्यादा की रिमांड नहीं बढ़ाई जा सकती है. ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब गलत सवाल से शुरुआत होगी तो दलीलें भी गलत दी जाएंगी. उन्होंने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग स्वतंत्र अपराध है. अगर किसी ने अपराध किया है, उसे छिपाया है या उसे छिपाने की कोशिश की है वो अपराधी है. मेहता ने कहा था कि अगर आप 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं और कोई इसे इस्तेमाल करता है और निवेश करता है तो जांच एजेंसी का काम है कि उसका खुलासा करे. उन्होंने कहा था कि एक जांच एजेंसी की तरह ही दूसरी एजेंसी की जांच नहीं हो सकती है. मेहता ने कहा था कि इस कोर्ट को प्रोडक्शन वारंट के फैसले पर पुनर्विचार का अधिकार नहीं है. तब सिब्बल ने कहा था कि जब न्यायिक हिरासत पहले से है तो ईडी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है.

याचिका में ईडी ने कहा है कि चिदंबरम से 17 खातों और विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है. चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) मामले में सीबीआई केस में 17 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

ये है मामला
आपको बता दें कि पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील (INX Media Deal) के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में तिहाड़ जेल में बंद पी चिदरंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। आज ईडी ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की कोर्ट को बताया कि उसने चिदंबरम से पूछताछ की है और उन्हें गिरफ्तार किया है। उसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो चिदंबरम को कल यानि 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करें।



Body:ईडी की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि ईडी के अधिकारियों ने चिदंबरम के बयान भी दर्ज किए हैं। आपको बता दें कि ईडी के तीन अधिकारी आज सुबह तिहाड़ जेल चिदंबरम से पूछताछ के लिए पहुंचे । ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया । लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश के चिदंबरम को ले जाने की अनुमति नहीं दी।
पिछले 15 अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ के बाद गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद आज ईडी के तीन अधिकारी चिदंबरम से पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे। पूछताछ करने के बाद ईडी ने चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया।
ईडी चिदंबरम को पिछले 15 अक्टूबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट से ही पूछताछ के बाद हिरासत में लेना चाहती थी लेकिन कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी थी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने चिदंबरम की हिरासत में लेने की मांग की थी। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिरासत में लेकर पूछताछ की बात की है। इसका चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी चिदंबरम की गिरफ्तारी और हिरासत की मांग नहीं कर सकती है। सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जब गिरफ्तार करने के लिए कहा तो ईडी ने उस समय गिरफ्तार नहीं किया। 15 दिन बीतने के बाद हिरासत में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि ईडी भी उसी लेनदेने की बात कर रही है जो सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था और उस एफआईआर के आधार पर ईडी ने  ईसीआईआर दर्ज किया था। दोनों अलग-अलग नहीं हैं। जब लेनदेन समान है तो भले ही अपराध अलग-अलग हों लेकिन 15 दिन से ज्यादा की रिमांड नहीं बढ़ाई जा सकती है।
ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब गलत सवाल से शुरुआत होगी तो दलीलें भी गलत दी जाएंगी। उन्होंने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग स्वतंत्र अपराध है। अगर किसी ने अपराध किया है, उसे छिपाया है या उसे छिपाने की कोशिश की है वो अपराधी है। मेहता ने कहा था कि अगर आप 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं और कोई इसे इस्तेमाल करता है और निवेश करता है तो जांच एजेंसी का काम है कि उसका खुलासा करे। उन्होंने कहा था कि एक जांच एजेंसी की तरह ही दूसरी एजेंसी की जांच नहीं हो सकती है। मेहता ने कहा था कि इस कोर्ट को प्रोडक्शन वारंट के फैसले पर पुनर्विचार का अधिकार नहीं है। तब सिब्बल ने कहा था कि जब न्यायिक हिरासत पहले से है तो ईडी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है।
याचिका में ईडी ने कहा है कि चिदंबरम से 17 खातों और  विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है। चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया डील मामले में सीबीआई केस में 17 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। 
पिछले 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। आज यानि 3 अक्टूबर को चििंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर दर जमानत की मांग की है।



Conclusion:आपको बता दें कि पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
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