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गाजियाबाद में ऑन डिमांड कार चुराने वाले हाइटेक गिरोह का भंडाफोड़, गैंग के 4 सदस्य गिरफ्तार

Hi-tech gang stealing on-demand cars busted: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने ऑन डिमांड कार चोरी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गैंग काफी शातिराना तरीके से लग्जरी गाड़ियों को निशाना बनाता था और 15 मिनट में कार को गायब कर देता था. गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 2 की तलाश जारी है.

ऑन डिमांड कार चुराने वाले हाइटेक गिरोह का भंडाफोड़
ऑन डिमांड कार चुराने वाले हाइटेक गिरोह का भंडाफोड़
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 16, 2024, 5:53 PM IST

ऑन डिमांड कार चुराने वाले हाइटेक गिरोह का भंडाफोड़

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने एनसीआर में लग्जरी गाड़ियों की ऑन डिमांड चोरी करने वाले अन्तरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है. गैंग के चार सदस्यों को मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. जबकि, अभी दो सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं. आरोपियों के पास से एक टोयटा इनोवा क्रिस्टा गाड़ी, एक विटारा ब्रेजा, एक क्रेटा, एक आई-20 और चोरी करने के उपकरण बरामद हुए हैं.

आरोपी आधुनिक तरीकों से गाड़ियों को चुराया करते थे. जिस गाड़ी की डिमांड होती थी उसे गाड़ी को रैकी कर ढूंढा जाता था. गाड़ी के चिह्नित होने के बाद सही समय देखकर गाड़ी को चुराया जाता था. क्योंकि लग्जरी गाड़ियां पूरी तरह से टेक्नोलॉजी से लैस होती थी तो ऐसे में इन चोरों के पास गाड़ी में लगी सेफ्टी और सिक्योरिटी डिवाइसेज को टाइम पर ऑपरेट करने के लिए तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद थे.

पुलिस की पूछताछ में के दौरान आरोपी इस्माइल ने बताया कि उसने गाड़ियों की डेंटिंग पेंटिंग का एक गैराज खोला था. जिसमे मेहनत ज्यादा थी आमदनी कम थी. जिससे घर का खर्चा नही चल पाता था. इस्माइल ने मनोज, अर्सिल और अजय पण्डित के साथ गैंग बनाया और गाड़ी चोरी करने लगा. जेल से छूटने के बाद इस्माइल ने फिर अपना ग्रुप तैयार किया. इसमें शहजाद, मनोज, कन्हैया, राहुल जाट, परवेज, रिंकू और सुनील काला के साथ मिलकर गाड़ी चोरी करने का काम करने लगे. गैंग चोरी कर गाड़ियों की राजस्थान और मध्य प्रदेश में सप्लाई करते थे.

ये भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस ने डंकी नेटवर्क गैंग का किया भंडाफोड़, बेरोजगारों को यूरोप भेजने का चल रहा था धंधा, 9 गिरफ्तार

मिली जानकारी के मुताबिक, मनोज ने गाड़ी के सेफ्टी और सिक्योरिटी इक्विपमेंट को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की मदद से ब्रेक करने का काम इस्माइल से सीखा था. चोरी की गाड़ी को बेचने के बाद गैंग के सदस्य रकम को आपस में बांट लिया करते थे. पुलिस के मुताबिक, गाड़ी की डिमांड परवेज और राहुल जाट अन्य सदस्यों को बताते थे. फिर शहजाद, मनोज और कन्हैया डिमाण्ड वाली गाड़ी को चोरी करने के लिए रात के समय गाड़ी से ही रैकी करते और जब रैकी करने के बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते.

मौका देखकर चिह्नित गाड़ी के पीछे डिग्गी का लॉक तोड़ कर या दरवाजे का शीशा तोड़कर गाड़ी खोलकर अन्दर घुस जाते हैं और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस (टैब) के माध्यम से नकली चाबी बना लेते थे. फिर गाड़ी चोरी करके कुछ दूर जाने के बाद उसकी नंबर प्लेट चेंज कर देते और जीपीएस चैक करके उसको निकालकर फेंक देते. फिर चोरी की गाड़ी को एकांत और अपनी पहचान वाली जगहों पर ले जाकर खड़ी कर देते. कुछ समय बाद गाड़ी की डिमाण्ड करने वाले साथी को बेच देते. आरोपी पहले भी कई बार वाहन चोरी के आरोप में जेल जा चुके हैं.

क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट द्वारा इंटर स्टेट वाहन चोरों के गैंग का पर्दाफाश किया गया है. कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र से की गई है. हालांकि, इसमें अभी दो आरोपी वांछित हैं. वाहन चोरों के कब्जे से चार लग्जरी गाड़ियां और वाहन चुराने में प्रयोग होने वाले आधुनिक उपकरण भी बरामद हुए हैं. इस गैंग में कुल 6 सदस्य हैं.

दो सदस्यों द्वारा गाड़ियों की डिमांड बताई जाती है. जबकि, अन्य चार सदस्य डिमांड के आधार पर लग्जरी गाड़ियों को रेकी करने के बाद चुराते हैं. शीशा तोड़कर गैंग के सदस्य गाड़ी में घुसते हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से गाड़ी को चुराते हैं. जहां से गाड़ी की डिमांड की गई होती है वहां गाड़ी को बेच दिया जाता है. अन्य अभियुक्तों और चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करने वालों की गिरफ्तारी और बरामदगी हेतु टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है."

ये भी पढ़ें : नोएडा पुलिस ने पकड़ी 35 लाख की शराब, ट्रक पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर की जा रही थी तस्करी

ऑन डिमांड कार चुराने वाले हाइटेक गिरोह का भंडाफोड़

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने एनसीआर में लग्जरी गाड़ियों की ऑन डिमांड चोरी करने वाले अन्तरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है. गैंग के चार सदस्यों को मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. जबकि, अभी दो सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं. आरोपियों के पास से एक टोयटा इनोवा क्रिस्टा गाड़ी, एक विटारा ब्रेजा, एक क्रेटा, एक आई-20 और चोरी करने के उपकरण बरामद हुए हैं.

आरोपी आधुनिक तरीकों से गाड़ियों को चुराया करते थे. जिस गाड़ी की डिमांड होती थी उसे गाड़ी को रैकी कर ढूंढा जाता था. गाड़ी के चिह्नित होने के बाद सही समय देखकर गाड़ी को चुराया जाता था. क्योंकि लग्जरी गाड़ियां पूरी तरह से टेक्नोलॉजी से लैस होती थी तो ऐसे में इन चोरों के पास गाड़ी में लगी सेफ्टी और सिक्योरिटी डिवाइसेज को टाइम पर ऑपरेट करने के लिए तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद थे.

पुलिस की पूछताछ में के दौरान आरोपी इस्माइल ने बताया कि उसने गाड़ियों की डेंटिंग पेंटिंग का एक गैराज खोला था. जिसमे मेहनत ज्यादा थी आमदनी कम थी. जिससे घर का खर्चा नही चल पाता था. इस्माइल ने मनोज, अर्सिल और अजय पण्डित के साथ गैंग बनाया और गाड़ी चोरी करने लगा. जेल से छूटने के बाद इस्माइल ने फिर अपना ग्रुप तैयार किया. इसमें शहजाद, मनोज, कन्हैया, राहुल जाट, परवेज, रिंकू और सुनील काला के साथ मिलकर गाड़ी चोरी करने का काम करने लगे. गैंग चोरी कर गाड़ियों की राजस्थान और मध्य प्रदेश में सप्लाई करते थे.

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मिली जानकारी के मुताबिक, मनोज ने गाड़ी के सेफ्टी और सिक्योरिटी इक्विपमेंट को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की मदद से ब्रेक करने का काम इस्माइल से सीखा था. चोरी की गाड़ी को बेचने के बाद गैंग के सदस्य रकम को आपस में बांट लिया करते थे. पुलिस के मुताबिक, गाड़ी की डिमांड परवेज और राहुल जाट अन्य सदस्यों को बताते थे. फिर शहजाद, मनोज और कन्हैया डिमाण्ड वाली गाड़ी को चोरी करने के लिए रात के समय गाड़ी से ही रैकी करते और जब रैकी करने के बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते.

मौका देखकर चिह्नित गाड़ी के पीछे डिग्गी का लॉक तोड़ कर या दरवाजे का शीशा तोड़कर गाड़ी खोलकर अन्दर घुस जाते हैं और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस (टैब) के माध्यम से नकली चाबी बना लेते थे. फिर गाड़ी चोरी करके कुछ दूर जाने के बाद उसकी नंबर प्लेट चेंज कर देते और जीपीएस चैक करके उसको निकालकर फेंक देते. फिर चोरी की गाड़ी को एकांत और अपनी पहचान वाली जगहों पर ले जाकर खड़ी कर देते. कुछ समय बाद गाड़ी की डिमाण्ड करने वाले साथी को बेच देते. आरोपी पहले भी कई बार वाहन चोरी के आरोप में जेल जा चुके हैं.

क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट द्वारा इंटर स्टेट वाहन चोरों के गैंग का पर्दाफाश किया गया है. कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र से की गई है. हालांकि, इसमें अभी दो आरोपी वांछित हैं. वाहन चोरों के कब्जे से चार लग्जरी गाड़ियां और वाहन चुराने में प्रयोग होने वाले आधुनिक उपकरण भी बरामद हुए हैं. इस गैंग में कुल 6 सदस्य हैं.

दो सदस्यों द्वारा गाड़ियों की डिमांड बताई जाती है. जबकि, अन्य चार सदस्य डिमांड के आधार पर लग्जरी गाड़ियों को रेकी करने के बाद चुराते हैं. शीशा तोड़कर गैंग के सदस्य गाड़ी में घुसते हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से गाड़ी को चुराते हैं. जहां से गाड़ी की डिमांड की गई होती है वहां गाड़ी को बेच दिया जाता है. अन्य अभियुक्तों और चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करने वालों की गिरफ्तारी और बरामदगी हेतु टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है."

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