नई दिल्ली: 1984 सिख दंगों के दौरान जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने मामले से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अक्टूबर तय कर दी है. इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में भी आरोपित पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार पर आईपीसी की धारा 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किए थे. एसआईटी ने उनके खिलाफ हत्या की धारा 302 भी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने हटा दिया है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर तय की थी. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया था कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार इस मामले में हिरासत में नहीं हैं. जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अन्य मामलों में वे जेल में हैं. एसआईटी ने इस मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. 2015 में एसआईटी ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में सज्जन कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.
जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या एक नवंबर 1984 को दंगों के दौरान कर दी गई थी. विकासपुरी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया था. झुलसने के 30 साल बाद उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था. उल्लेखनीय है कि सिख दंगों के अन्य मामले में वर्ष 2018 में सज्जन कुमार को पहले ही सुप्रीम कोर्ट से उम्रकैद की सजा हो चुकी है. तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद है.
1984 के सिख दंगों के दौरान सुल्तानपुरी में छह सिखों की हत्या के मामले में बरी होने के बाद आज सज्जन कुमार सहित अन्य आरोपितों ने विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल के कोर्ट में पहुंचकर 50 हजार रुपए का श्योरिटी बोंड भरा. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सज्जन कुमार और अन्य लोग ब्रह्मानंद गुप्ता व वेद प्रकाश कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने इन्हें बरी करते समय आज के लिए श्योरिटी बोंड भरने का आदेश दिया था.
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