नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली की पहचान आज भी यमुना के किनारे बसे शहर के रूप में बनी हुई है. लेकिन सदियों से यमुना नदी के साथ जुड़ी दिल्ली ने बीते कुछ दशकों में काफी तरक्की कर ली और ये विश्वस्तरीय शहर के रूप में स्थापित हो गई. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के साथ जुड़ी यमुना अस्तित्व विहीन होती चली गयी. आज लोग इसे यमुना नहीं नाला कहने लगे हैं, क्योंकि इसमें गिरने वाले अपशिष्ट पदार्थ से यह नाले की श्रेणी में आ पहुंचा है.
इस दौरान कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन यमुना को बचाने की दिशा में उनकी तरफ से कोई ठोस पहल नहीं किए गए. हालांकि वर्षों पहले कांग्रेस की सरकार के समय में फैक्ट्रियों को अपना अपशिष्ट यमुना में गिराने से प्रतिबंधित कर दिया गया था और कुछ उद्योगों को दिल्ली से बाहर भी शिफ्ट किया गया. लेकिन यमुना की बदहाली में कुछ सुधार नहीं आया.
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार ने कई मौकों पर यमुना की सफाई की बात कही. इसके लिए बजट भी बनाया गया, लेकिन जमीनी धरातल पर यमुना आज भी दूषित और जहरीले पानी के नालों जैसी बनी हुई है, क्योंकि सरकारों ने इसे लेकर कोई विशेष रणनीति नहीं बनाई और बनाई भी तो उसे अमल में नहीं लाया गया.
यमुना की इसी बदहाली को देखते हुए और उसे पूरी तरह से विलुप्त होने से बचाने के लिए नजफगढ़ के सांई बाबा मंदिर में पालम के 360 गांव के प्रधान ने महापंचायत बुलाई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. इस महापंचायत में यमुना की बदहाली के लिए उसके साथ बहने वाली दो छोटी नदियों के नालों में तब्दील होने को लेकर चर्चा की गई.
इस मौके पर पालम 360 गांव के प्रधान रणबीर सोलंकी और महापंचायत में पहुंचे हरगोविंद अरोड़ा ने कहा कि कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन यमुना की हालात में सुधार के बजाय उसमें गिरावट ही आती गई, जिसको देखते हुए उनलोगों ने मिल कर यमुना की सफाई के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा कि ये महापंचायत किसी राजनैतिक दल की नहीं बल्कि आम लोगों की थी और अब आम लोग मिल कर ही यमुना और इसके साथ बहने वाली छोटी नदियों की सफाई के लिए एक अभियान की शुरुआत करने जा रही है.
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उन्होंने बताया कि 25 मार्च को नजफगढ के सांई बाबा मंदिर से 10 हजार लोगों की एक पद यात्रा शुरू की जाएगी, जो 26 मार्च को यमुना के किनारे पहुंचेगी और फिर वहां पर सेफ्टी अभियान की शुरुआत करेगी. उन्हें उम्मीद है कि शायद इसके बाद सरकार की नींद टूटे और यमुना को बचाने की दिशा में पहल कर वो इडकी सफाई पर ध्यान देंगे.