नई दिल्ली: फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में हो रही शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति में एडहॉक टीचर्स की पूरी सर्विस काउंट हो. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एक दशक बाद सहायक प्रोफेसर के पदों पर यह नियुक्तियां हो रही हैं.
विश्वविद्यालय के विभागों व उससे संबद्ध विभिन्न कॉलेजों में चल रही स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में अभी तक लगभग 3000 शिक्षक स्थायी हुए हैं. इन स्थाई शिक्षकों में 1000 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं, जिनके पास पांच वर्ष से लेकर 20 -22 साल का शिक्षण अनुभव है. एडहॉक टीचर्स की पोस्ट सर्विस काउंट न किए जाने को लेकर 40 और 50 से अधिक उम्र के शिक्षकों में गहरा रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि हमारी एडहॉक सर्विस काउंट नहीं होगी तो एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद से वंचित रह जायेंगे .
डॉ. सुमन ने बताया कि 2014 से पहले एडहॉक टीचर्स की पूरी पोस्ट सर्विस काउंट होती थी. लेकिन अगस्त 2014 के बाद से एडहॉक टीचर्स के परमानेंट होने पर 4 साल की ही सर्विस काउंट होगी उससे ज्यादा नहीं. उन्होंने बताया है कि डीयू से अन्य विश्वविद्यालयों में जाने वाले एडहॉक टीचर्स की पूरी पोस्ट सर्विस काउंट हो रही है और वे एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर भी बन रहे हैं. उनका कहना है कि जब अन्य विश्वविद्यालय उनकी पोस्ट सर्विस काउंट कर रहे हैं तो दिल्ली विश्वविद्यालय अपने यहाँ के एडहॉक से स्थायी हुए शिक्षकों की पोस्ट सर्विस काउंट क्यों नहीं कर रहा है.
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