नई दिल्ली: देश-विदेश में बैठे तस्करों ने दिल्ली को हेरोइन की तस्करी का ट्रांजिट पॉइंट बना लिया है. दिल्ली के रास्ते ना केवल भारत बल्कि विदेशों में भी हेरोइन भेजी जा रही है. यह खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किया है. बीते कुछ समय में स्पेशल सेल ने ड्रग्स की बड़ी-बड़ी खेप बरामद की हैं. यह खेप केवल दिल्ली एनसीआर के लिए नहीं थी. इन्हें लंदन और अमेरिका सहित यूरोपीय देशों में पहुंचाया जाना था.
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि उनकी छानबीन के अनुसार मुख्य रूप से दो जगह से हेरोइन दिल्ली में लाई जा रही है. इनमें से पहली जगह म्यांमार है जबकि दूसरी जगह अफ़गानिस्तान है. म्यांमार से मणिपुर के रास्ते ड्रग्स को भारत में लाया जाता है. वहां से सड़क के रास्ते यह दिल्ली पहुंचती है. तस्करी करने वाले बड़े-बड़े गैंग ने दिल्ली को ट्रांजिट प्वाइंट बनाया है. यहां से बड़ी ही आसानी से वह देश-विदेश में हेरोइन को भेजने का काम कर रहे हैं. पुलिस इस बात को मानती है कि वह ड्रग्स की जितनी खेप को पकड़ पाते हैं वह तस्करी की ड्रग्स का 10 फ़ीसदी भी नहीं है.
ऐसे भेजी जाती है विदेशों में ड्रग्स की खेप
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि दिल्ली में हेरोइन लाने के बाद यहां से अमेरिका, लंदन आदि यूरोपीय देशों में हेरोइन को भेजा जाता है. यह देखने में आया है कि तस्कर कुरियर के माध्यम से हेरोइन की खेप यूरोपीय देशों में भेजते हैं. कुछ समय पहले ही स्पेशल सेल ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया था जो चावल के पैकेट में हेरोइन भरकर विदेश भेज रहा था. दरअसल भेजे जा रहे चावल के 100 में से 30- 40 पैकेट में हेरोइन भर दी जाती थी. वहीं अन्य पैकेट में चावल ही भरे होते थे. स्पेशल की जांच में यह सामने आया है कि कुछ कुरियर कंपनी भी इस ड्रग्स तस्करी के धंधे में शामिल है. ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
इंटरनेशनल तस्करों को पकड़ना नहीं आसान
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि दिल्ली को ड्रग्स तस्करी के लिए इस्तेमाल करने वाले इंटरनेशनल तस्कर पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. वह विदेशों में बैठकर यहां के लोकल लोगों की मदद से पूरा नेटवर्क चला रहे हैं. विदेश में बैठे ऐसे तस्करों को पकड़ना दिल्ली पुलिस के लिए भी संभव नहीं है. दिल्ली पुलिस खुफिया विभाग एवं विदेश मंत्रालय की मदद से इन तस्करों को पकड़ने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. पुलिस भी यह जानती है कि यहां के तस्करों को पकड़ने से विदेश में बैठे तस्करों का कुछ नहीं बिगड़ता है. वह रुपये का लालच देकर नए लोगों को ड्रग्स इधर से उधर पहुंचाने के लिए रख लेते हैं.