नई दिल्ली/गाजियाबाद: गजियाबाद में घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. 2016-17 में घरेलू हिंसा के वन स्टॉप सेंटर में 163 मामले सामने आए थे, जो कि 2022-23 में बढ़कर 664 पहुंच गए हैं. रिकार्ड के मुताबिक, 6 साल में घरेलू हिंसा के आंकड़ों में चार गुना इजाफा हुआ है. वन स्टॉप सेंटर में प्राप्त हो रही कुल शिकायतों में तकरीबन 70 फीसदी शिकायतें घरेलू हिंसा की हैं. जबकि, 30% दुष्कर्म, छेड़छाड़ और अपहरण जैसे मामले हैं.
जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक वन स्टॉप सेंटर में कुल 1266 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिसमें 1239 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया. जबकि, कुल 65 प्रकरणों में फॉलोअप लिया जा रहा है. जिसमें से घरेलू हिंसा के कुल 664 मामले प्राप्त हुए हैं.
6 साल में घरेलू हिंसा के मामले में 4 गुना इजाफा:
वर्ष | घरेलू हिंसा | कुल हिंसा |
2016-17 | 163 | 212 |
2017-18 | 388 | 591 |
2018-19 | 654 | 908 |
2019-20 | 612 | 930 |
2020-21 | 701 | 1171 |
2021-22 | 372 | 1011 |
2022-23 | 664 | 1264 |
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र के मुताबिक, आंकड़ों में वृद्धि होने के पीछे मुख्य कारण महिलाओं में बढ़ती हुई जागरुकता है. अब महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों को हेल्पलाइन नंबर पर रिपोर्ट करती है, बढ़ते आंकड़े इस बात का संकेत हैं. वह अपनी आवाज उठा रही हैं. वन स्टॉप सेंटर जिला संयुक्त चिकित्सालय संजय नगर में संचालित है. वन स्टॉप सेंटर में जो मामले रिपोर्ट होते हैं, उन मामलों को सुलझाने का सक्सेस रेट 90% से अधिक है.
विकास चंद्र के मुताबिक, वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से जो महिलाओं की समस्याओं का समाधान होता है, इसको आसपास की महिलाओं के साथ भी साझा करती है, जिससे आसपास की महिलाएं भी जागरूक होती है. Word of mouth पब्लिसिटी के माध्यम से नॉन स्टॉप सेंटर पर मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है. साथ ही महिला कल्याण विभाग द्वारा जिले में विभिन्न स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम, जैसे नारी चौपाल आदि भी चलाए जाते हैं, जिससे महिलाएं और जागरूक हो रही है.
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प्रोबेशन अधिकारी के मुताबिक, वन स्टॉप सेंटर में जो भी घरेलू हिंसा की शिकायतें प्राप्त होती है. उसमें दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसलिंग की जाती है. हालांकि, कई मामले ऐसे भी होते हैं कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को फॉरवर्ड करना पड़ता है. फिलहाल गाजियाबाद में संजय नगर स्थित जिला चिकित्सालय में वन स्टॉप सेंटर संचालित है. जबकि दूसरा वन स्टॉप सेंटर जिला एमएमजी अस्पताल में बनकर तैयार है, जो अप्रैल में संचालित कर दिया जाएगा.
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