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Vasant Kunj Dog Bite Case: दो बच्चों की मौत के मामले में सक्रिय हुए डॉग लवर्स, कहा-कुत्तों को बदनाम किया जा रहा है

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Published : Mar 19, 2023, 5:28 PM IST

दिल्ली के वसंत कुंज में कुत्तों के काटने से दो बच्चों की मौत का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस में एनिमल लवर्स की भूमिका सामने आई है, जिनका कहना है कि कुत्तों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

Vasant Kunj Dog Bite Case
Vasant Kunj Dog Bite Case
गुंजन उप्पल

नई दिल्ली: वसंत कुंज इलाके में कुत्तों के काटने से दो भाइयों आनंद और आदित्य की संदिग्ध मौत के मामले में अब एनिमल लवर्स भी सक्रिय हो गए हैं. इस मामले की जांच के लिए पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था, पीपल फॉर एनिमल यानी पीएफए ने एक टास्क फोर्स गठित की है. टास्क फोर्स में पीएफए के वॉलिं टियर्स के अलावा एक अन्य एनिमल लवर को शामिल किया गया है. वसंत कुंज में रहने वाली एनिमल लवर गुंजन उप्पल को टास्क फोर्स का इंचार्ज बनाया गया है. वह इस इलाके में कई वर्षों से आवारा कुत्तों को भोजन कराने के अलावा उनके लिए इलाज की व्यवस्था कर रही हैं.

गुंजन उप्पल ने बताया कि उन्होंने इस कॉलोनी में जाकर दर्जनों लोगों के बयान लिए हैं और उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है. लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि उसने कुत्तों को बच्चों को काटते हुए देखा है. लोगों ने कहा कि वे 20-30 साल से यहां रह रहे हैं लेकिन कुत्तों ने कभी किसी पर हमला नहीं किया है. गुंजन ने रिकॉर्ड किए वीडियो और फोटो को दिल्ली पुलिस के साथ एमसीडी को भेजा है.

गुंजन ने दोनों बच्चों आदित्य और आनंद की मां और ताई के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं. उन लोगों का भी यही कहना है कि बच्चों की मौत कुत्तों के काटने से नहीं हुई है. मामला संदिग्ध लग रहा है इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए. गुंजन की टीम के सदस्यों ने कॉलोनी को लोगों से हस्ताक्षर अभियान चलाकर भी यह जानने की कोशिश की है कि क्या उन्होंने कुत्तों को बच्चों को नोचते हुए देखा है. इस पर किसी से भी उन्हें हां में जवाब नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें-वसंत कुंज इलाके में कुत्ते के काटने से बच्चों की मौत मामले में पुलिस को PM रिपोर्ट का इंतजार

उनका कहना है कि इन दो बच्चों की मौत के बहाने कुछ लोग राजधानी से बेजुबानों को बाहर करवाना चाहते हैं. अब इलाके में रहने वाले आवारा कुत्तों को मारा जा रहा है और उन्हें जबरदस्ती पकड़कर शेल्टर होम में भेजा जा रहा है. अब तक 50 से अधिक कुत्ते पकड़े जा चुके हैं. इससे कुत्तों का सामान्य जीवन डिस्टर्ब हो रहा है. गुंजन ने कहा कि बच्चों के शरीर पर जिस तरह की चोट और घाव मिले हैं, उसे देखकर किसी को यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनकी मौत कुत्तों के काटने से हुई है.

यह भी पढ़ें-Terror of Dogs: बच्चे की मौत के बाद सिंधी मोहल्ले में डर के साए में जी रहे लोग, मां ने सुनाई आपबीती

गुंजन उप्पल

नई दिल्ली: वसंत कुंज इलाके में कुत्तों के काटने से दो भाइयों आनंद और आदित्य की संदिग्ध मौत के मामले में अब एनिमल लवर्स भी सक्रिय हो गए हैं. इस मामले की जांच के लिए पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था, पीपल फॉर एनिमल यानी पीएफए ने एक टास्क फोर्स गठित की है. टास्क फोर्स में पीएफए के वॉलिं टियर्स के अलावा एक अन्य एनिमल लवर को शामिल किया गया है. वसंत कुंज में रहने वाली एनिमल लवर गुंजन उप्पल को टास्क फोर्स का इंचार्ज बनाया गया है. वह इस इलाके में कई वर्षों से आवारा कुत्तों को भोजन कराने के अलावा उनके लिए इलाज की व्यवस्था कर रही हैं.

गुंजन उप्पल ने बताया कि उन्होंने इस कॉलोनी में जाकर दर्जनों लोगों के बयान लिए हैं और उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है. लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि उसने कुत्तों को बच्चों को काटते हुए देखा है. लोगों ने कहा कि वे 20-30 साल से यहां रह रहे हैं लेकिन कुत्तों ने कभी किसी पर हमला नहीं किया है. गुंजन ने रिकॉर्ड किए वीडियो और फोटो को दिल्ली पुलिस के साथ एमसीडी को भेजा है.

गुंजन ने दोनों बच्चों आदित्य और आनंद की मां और ताई के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं. उन लोगों का भी यही कहना है कि बच्चों की मौत कुत्तों के काटने से नहीं हुई है. मामला संदिग्ध लग रहा है इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए. गुंजन की टीम के सदस्यों ने कॉलोनी को लोगों से हस्ताक्षर अभियान चलाकर भी यह जानने की कोशिश की है कि क्या उन्होंने कुत्तों को बच्चों को नोचते हुए देखा है. इस पर किसी से भी उन्हें हां में जवाब नहीं मिला है.

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उनका कहना है कि इन दो बच्चों की मौत के बहाने कुछ लोग राजधानी से बेजुबानों को बाहर करवाना चाहते हैं. अब इलाके में रहने वाले आवारा कुत्तों को मारा जा रहा है और उन्हें जबरदस्ती पकड़कर शेल्टर होम में भेजा जा रहा है. अब तक 50 से अधिक कुत्ते पकड़े जा चुके हैं. इससे कुत्तों का सामान्य जीवन डिस्टर्ब हो रहा है. गुंजन ने कहा कि बच्चों के शरीर पर जिस तरह की चोट और घाव मिले हैं, उसे देखकर किसी को यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनकी मौत कुत्तों के काटने से हुई है.

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