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निर्भया रेप कांड: फांसी में देरी पर बोली AAP- हमारी तरफ से कोई कोताही नहीं बरती गई

निर्भया के दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी की सजा नहीं हो सकेगी. इसे लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य की कमी को कारण बताया. इसपर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार की तरफ से सफाई दी है.

delhi deputy cm manish sisodia
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
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Published : Jan 15, 2020, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जब इस पूरे मामले को लेकर सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि दिल्ली सरकार के स्तर पर इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.

निर्भया के दोषियों की फांसी पर बोले सिसोदिया
'नहीं बरती गई कोताही'
सिसोदिया ने कहा कि मुझे पता चला है कि कोई नई मर्सी पिटिशन डाली गई है और दिल्ली सरकार ने तुरंत ही उसे उपराज्यपाल को भेज दिया है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमारे स्तर पर कोई कोताही बरती गई है. सिसोदिया का कहना था कि कोई एक नई पिटीशन आई थी, वह भी रिजेक्ट होकर हमारी तरफ से जा चुकी है.



सामंजस्य पर उठा था सवाल
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसजी और दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला लेने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होगा. इस मामले को लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य की कमी पर भी सवाल उठाया था.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जब इस पूरे मामले को लेकर सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि दिल्ली सरकार के स्तर पर इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.

निर्भया के दोषियों की फांसी पर बोले सिसोदिया
'नहीं बरती गई कोताही'
सिसोदिया ने कहा कि मुझे पता चला है कि कोई नई मर्सी पिटिशन डाली गई है और दिल्ली सरकार ने तुरंत ही उसे उपराज्यपाल को भेज दिया है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमारे स्तर पर कोई कोताही बरती गई है. सिसोदिया का कहना था कि कोई एक नई पिटीशन आई थी, वह भी रिजेक्ट होकर हमारी तरफ से जा चुकी है.



सामंजस्य पर उठा था सवाल
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसजी और दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला लेने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होगा. इस मामले को लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य की कमी पर भी सवाल उठाया था.

Intro:निर्भया के दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी की सजा नहीं हो सकेगी. इसे लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य की कमी को कारण बताया. इसपर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार की तरफ से सफाई दी है.


Body:नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जब इस पूरे मामले को लेकर सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि दिल्ली सरकार के स्तर पर इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.

नहीं बरती गई कोताही

सिसोदिया ने कहा कि मुझे पता चला है कि कोई नई मर्सी पिटिशन डाली गई है और दिल्ली सरकार ने तुरंत ही उसे उपराज्यपाल को भेज दिया है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमारे स्तर पर कोई कोताही बरती गई है. सिसोदिया का कहना था कि कोई एक नई पिटीशन आई थी, वह भी रिजेक्ट होकर हमारी तरफ से जा चुकी है.


Conclusion:सामंजस्य पर उठा था सवाल

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसजी और दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर फैसला लेने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होगा. इस मामले को लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य की कमी पर भी सवाल उठाया था.
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