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केंद्र और दिल्ली सरकार की कल्याणकारी योजनाएं जारी रखी जाएं: दिल्ली HC

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि राशन उपलब्ध कराने के लिए राशनकार्ड धारकों और गैर राशनकार्ड धारकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाता है

delhi high court
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Published : Jun 3, 2020, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने जो कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, वे लॉकडाउन के बाद भी जारी रखें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बात ये बातें कहीं.



दिल्ली में 18 सौ हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि राशन उपलब्ध कराने के लिए राशनकार्ड धारकों और गैर राशनकार्ड धारकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. संजय जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस बात के उपाय किए हैं कि किसी की भी भूख से मौत नहीं हो. दिल्ली सरकार सभी जरुरतमंद लोगों को सूखा राशन उपलब्ध करा रही है चाहे उनके पास राशनकार्ड हों या राशनकार्ड नहीं हों. दिल्ली सरकार दिल्ली में 18 सौ हंगर रिलीफ सेंटर चला रही है जिसमें आठ से दस लाख लोगों को दो समय का भोजन खिलाया जा रहा है. दिल्ली सरकार की इन दलीलों को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए कोर्ट ने संतोष जताया.


राशन देने की प्रक्रिया आसान करें

पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो जरुरतमंदों को राशन देने के लिए प्रक्रिया आसान करें. हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है और उनके पास आधार कार्ड या मतदाता पहचानपत्र है उन्हें राशन देने की प्रक्रिया आसान करें.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर जरुरत पड़े तो अपनी नीति में बदलाव करें ताकि जरुरतमंद लोगों को राशन मिल सके. इसके लिए उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों को सूचित करें और आदेश को वेबसाइट पर भी नोटिफाई करें ताकि ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें.


राशन कार्ड नहीं होने की वजह से राशन नहीं मिल रहा

याचिका नई सोच सोसायटी नामक एनजीओ ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि 25 मार्च से लॉकडाउन घोषित होने के बाद कई जरुरतमंदों को राशन नहीं मिल सका है. उनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र तो है लेकिन राशन कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है.


207 लोगों के नाम बताए गए

याचिका में 207 वैसे लोगों के नाम दर्शाए गए थे जिनके पास राशन कार्ड तो नहीं हैं लेकिन उनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र है. उन्हें अपने नजदीक के उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिल रहा है. याचिका में कहा गया था कि ऐसे कई लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से वे राशन से वंचित हैं.



लॉकडाउन में फंसे लोगों को भी राशन दिया जा रहा है

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा कि वे उन लोगों को भी राशन कार्ड उपलब्ध करा रहे हैं जिनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि उन लोगों को भी राशन उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो दिल्ली के नागरिक नहीं हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंस गए हैं या दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूर हैं. वहीं याचिकाकर्ता ने जिन लोगों ने नाम दिए हैं उन्हें भी इमरजेंसी रिलीफ फूड कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने जो कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, वे लॉकडाउन के बाद भी जारी रखें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बात ये बातें कहीं.



दिल्ली में 18 सौ हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि राशन उपलब्ध कराने के लिए राशनकार्ड धारकों और गैर राशनकार्ड धारकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. संजय जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस बात के उपाय किए हैं कि किसी की भी भूख से मौत नहीं हो. दिल्ली सरकार सभी जरुरतमंद लोगों को सूखा राशन उपलब्ध करा रही है चाहे उनके पास राशनकार्ड हों या राशनकार्ड नहीं हों. दिल्ली सरकार दिल्ली में 18 सौ हंगर रिलीफ सेंटर चला रही है जिसमें आठ से दस लाख लोगों को दो समय का भोजन खिलाया जा रहा है. दिल्ली सरकार की इन दलीलों को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए कोर्ट ने संतोष जताया.


राशन देने की प्रक्रिया आसान करें

पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो जरुरतमंदों को राशन देने के लिए प्रक्रिया आसान करें. हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है और उनके पास आधार कार्ड या मतदाता पहचानपत्र है उन्हें राशन देने की प्रक्रिया आसान करें.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर जरुरत पड़े तो अपनी नीति में बदलाव करें ताकि जरुरतमंद लोगों को राशन मिल सके. इसके लिए उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों को सूचित करें और आदेश को वेबसाइट पर भी नोटिफाई करें ताकि ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें.


राशन कार्ड नहीं होने की वजह से राशन नहीं मिल रहा

याचिका नई सोच सोसायटी नामक एनजीओ ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि 25 मार्च से लॉकडाउन घोषित होने के बाद कई जरुरतमंदों को राशन नहीं मिल सका है. उनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र तो है लेकिन राशन कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है.


207 लोगों के नाम बताए गए

याचिका में 207 वैसे लोगों के नाम दर्शाए गए थे जिनके पास राशन कार्ड तो नहीं हैं लेकिन उनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र है. उन्हें अपने नजदीक के उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिल रहा है. याचिका में कहा गया था कि ऐसे कई लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से वे राशन से वंचित हैं.



लॉकडाउन में फंसे लोगों को भी राशन दिया जा रहा है

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा कि वे उन लोगों को भी राशन कार्ड उपलब्ध करा रहे हैं जिनके पास आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि उन लोगों को भी राशन उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो दिल्ली के नागरिक नहीं हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंस गए हैं या दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूर हैं. वहीं याचिकाकर्ता ने जिन लोगों ने नाम दिए हैं उन्हें भी इमरजेंसी रिलीफ फूड कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे.

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