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मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला की याचिका पर फैसला सुरक्षित

मैच फिक्सिंग का भांडाफोड़ अप्रैल 2000 में तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने हैंसी क्रोनिए और संजीव चावला के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट किया था. हैंसी क्रोनिए पर आरोप है कि उसने मैच हारने के लिए बुकी संजीव चावला से पैसे लिए थे. चावला पर अगस्त 1999 में इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों को पैसे ऑफर करने का आरोप है.

Delhi HC reserves order on a plea filed by Sanjeev Chawla
संजीव चावला की याचिका पर फैसला सुरक्षित
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Published : Feb 19, 2020, 7:23 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला को पुलिस रिमांड पर भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अनु मल्होत्रा इस याचिका पर कल यानि 20 फरवरी को फैसला सुनाएंगी.



जांच की बजाय ट्रायल किया जा रहा है
सुनवाई के दौरान संजीव चावला की ओर से वकील विकास पाहवा ने भारत और ब्रिटेन के बीच हुए प्रत्यर्पण संधि की धारा 13 का हवाला दिया. विकास पाहवा ने कहा कि भारत सरकार ने संजीव चावला का प्रत्यर्पण कराते वक्त कहा था कि वो बड़ी साजिश की जांच करना चाहते हैं. लेकिन यहां जांच की बजाय ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने संधि की धारा 21 को पढ़ा जिसमें कहा गया है कि प्रत्यर्पण के तहत लाए गए व्यक्ति का किन मामलों में ट्रायल नहीं किया जा सकता है.

संजीव चावला की याचिका पर फैसला सुरक्षित


पूछताछ तिहाड़ जेल में होगी-केंद्र
केंद्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील संजय जैन ने कहा कि जो भी पूछताछ होगी वो तिहाड़ जेल में होगी. अगर तिहाड़ से बाहर ले जाया जाएगा तो उसके पहले जरूरी अनुमति ली जाएगी. तिहाड़ जेल में वे सभी सुविधाएं मौजूद हैं तो प्रत्यर्पण की शर्तों में है. संजय जैन ने कहा कि हमने लंदन की कोर्ट से कहा कि संजीव चावला की अभी तक जांच नहीं हुई है. इसलिए जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा है. हमने प्रत्यर्पण की शर्तों का पालन किया है. उन्होंने कहा कि धारा 13 का ये मतलब नहीं है कि हम जांच नहीं कर सकते हैं. इसका ये मतलब भी नहीं है कि चार्जशीट दाखिल की गई है तो आप जांच नहीं कर सकते हैं. यह भी सही नहीं है कि अगर वह न्यायिक हिरासत में है तो जांच नहीं हो सकती है, यह गलत परिकल्पना है.


'तिहाड़ जेल में पिकनिक के लिए नहीं लाया गया है'
संजय जैन ने कहा कि दो लोगों की जांच की जरूरत होती है. एक तो वे जो गिऱफ्तार हो चुके हैं और दूसरे वे जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया जाना है. हमने उन्हें तिहाड़ जेल में पिकनिक के लिए नहीं लाया है. इस पर विकास पाहवा ने टोकते हुए कहा कि ब्रिटेन की सरकार से कहा गया कि जांच पूरी हो चुकी है और हमें केवल ट्रायल करना है.


पुलिस हिरासत पर रोक लगा चुका है हाईकोर्ट
पिछले 14 फरवरी को हाईकोर्ट ने संजीव चालवा को ट्रायल कोर्ट की ओर से पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश पर रोक लगा दिया था. हाईकोर्ट ने संजीव चावला को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि संजीव चावला को ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित कर लाते समय ये शर्त थी कि उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के क्राईम ब्रांच को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.


केवल तिहाड़ जेल में रखने की शर्त थी
संजीव चावला की ओर से वकील विकास पाहवा ने कहा था कि उसे प्रत्यर्पित कर भारत लेकर आते समय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार को ये आश्वस्त किया था कि उसे ट्रायल के दौरान केवल तिहाड़ जेल में रखा जाएगा लेकिन उसे पुलिस हिरासत में रखा गया है. 13 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने संजीव चावला को 12 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. संजीव चावला ने इसी आदेश को चुनौती दी है.


बड़ी साजिश का खुलासा होने की उम्मीद
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि संजीव चावला से पूछताछ के बाद मैच फिक्सिंग की बड़ी साजिश का खुलासा होने की उम्मीद है. संजीव चावला पर आरोप है उसने फरवरी-मार्च 2000 में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के समय दक्षिणी अफ्रीकी खिलाड़ी हैंसी क्रोनिए के साथ मिलकर मैच फिक्सिंग को अंजाम दिया था. क्रोनिए की मौत 2002 में एक विमान दुर्घटना में हो गई थी.



2002 में चार्जशीट दाखिल किया गया था
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जून 2002 में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें क्रोनिए और संजीव चावला का नाम बतौरी आरोपी था. दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच 16 फरवरी 2000 से लेकर 20 मार्च 2000 तक मैच खेले गए थे. मैच फिक्सिंग का भांडाफोड़ अप्रैल 2000 में तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने हैंसी क्रोनिए और संजीव चावला के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट किया था. हैंसी क्रोनिए पर आरोप है कि उसने मैच हारने के लिए बुकी संजीव चावला से पैसे लिए थे. चावला पर अगस्त 1999 में इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों को पैसे ऑफर करने का आरोप है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला को पुलिस रिमांड पर भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अनु मल्होत्रा इस याचिका पर कल यानि 20 फरवरी को फैसला सुनाएंगी.



जांच की बजाय ट्रायल किया जा रहा है
सुनवाई के दौरान संजीव चावला की ओर से वकील विकास पाहवा ने भारत और ब्रिटेन के बीच हुए प्रत्यर्पण संधि की धारा 13 का हवाला दिया. विकास पाहवा ने कहा कि भारत सरकार ने संजीव चावला का प्रत्यर्पण कराते वक्त कहा था कि वो बड़ी साजिश की जांच करना चाहते हैं. लेकिन यहां जांच की बजाय ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने संधि की धारा 21 को पढ़ा जिसमें कहा गया है कि प्रत्यर्पण के तहत लाए गए व्यक्ति का किन मामलों में ट्रायल नहीं किया जा सकता है.

संजीव चावला की याचिका पर फैसला सुरक्षित


पूछताछ तिहाड़ जेल में होगी-केंद्र
केंद्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील संजय जैन ने कहा कि जो भी पूछताछ होगी वो तिहाड़ जेल में होगी. अगर तिहाड़ से बाहर ले जाया जाएगा तो उसके पहले जरूरी अनुमति ली जाएगी. तिहाड़ जेल में वे सभी सुविधाएं मौजूद हैं तो प्रत्यर्पण की शर्तों में है. संजय जैन ने कहा कि हमने लंदन की कोर्ट से कहा कि संजीव चावला की अभी तक जांच नहीं हुई है. इसलिए जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा है. हमने प्रत्यर्पण की शर्तों का पालन किया है. उन्होंने कहा कि धारा 13 का ये मतलब नहीं है कि हम जांच नहीं कर सकते हैं. इसका ये मतलब भी नहीं है कि चार्जशीट दाखिल की गई है तो आप जांच नहीं कर सकते हैं. यह भी सही नहीं है कि अगर वह न्यायिक हिरासत में है तो जांच नहीं हो सकती है, यह गलत परिकल्पना है.


'तिहाड़ जेल में पिकनिक के लिए नहीं लाया गया है'
संजय जैन ने कहा कि दो लोगों की जांच की जरूरत होती है. एक तो वे जो गिऱफ्तार हो चुके हैं और दूसरे वे जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया जाना है. हमने उन्हें तिहाड़ जेल में पिकनिक के लिए नहीं लाया है. इस पर विकास पाहवा ने टोकते हुए कहा कि ब्रिटेन की सरकार से कहा गया कि जांच पूरी हो चुकी है और हमें केवल ट्रायल करना है.


पुलिस हिरासत पर रोक लगा चुका है हाईकोर्ट
पिछले 14 फरवरी को हाईकोर्ट ने संजीव चालवा को ट्रायल कोर्ट की ओर से पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश पर रोक लगा दिया था. हाईकोर्ट ने संजीव चावला को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि संजीव चावला को ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित कर लाते समय ये शर्त थी कि उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के क्राईम ब्रांच को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.


केवल तिहाड़ जेल में रखने की शर्त थी
संजीव चावला की ओर से वकील विकास पाहवा ने कहा था कि उसे प्रत्यर्पित कर भारत लेकर आते समय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार को ये आश्वस्त किया था कि उसे ट्रायल के दौरान केवल तिहाड़ जेल में रखा जाएगा लेकिन उसे पुलिस हिरासत में रखा गया है. 13 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने संजीव चावला को 12 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. संजीव चावला ने इसी आदेश को चुनौती दी है.


बड़ी साजिश का खुलासा होने की उम्मीद
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि संजीव चावला से पूछताछ के बाद मैच फिक्सिंग की बड़ी साजिश का खुलासा होने की उम्मीद है. संजीव चावला पर आरोप है उसने फरवरी-मार्च 2000 में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के समय दक्षिणी अफ्रीकी खिलाड़ी हैंसी क्रोनिए के साथ मिलकर मैच फिक्सिंग को अंजाम दिया था. क्रोनिए की मौत 2002 में एक विमान दुर्घटना में हो गई थी.



2002 में चार्जशीट दाखिल किया गया था
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जून 2002 में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें क्रोनिए और संजीव चावला का नाम बतौरी आरोपी था. दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच 16 फरवरी 2000 से लेकर 20 मार्च 2000 तक मैच खेले गए थे. मैच फिक्सिंग का भांडाफोड़ अप्रैल 2000 में तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने हैंसी क्रोनिए और संजीव चावला के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट किया था. हैंसी क्रोनिए पर आरोप है कि उसने मैच हारने के लिए बुकी संजीव चावला से पैसे लिए थे. चावला पर अगस्त 1999 में इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों को पैसे ऑफर करने का आरोप है.

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