नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑटो-रिक्शा के किराए में बढ़ोतरी के आप सरकार के फैसले पर रोक लगाने से सोमवार को मना कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार, परिवहन विभाग फेयर रिवीजन कमीनश से 23 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
एनजीओ ने दायर की याचिका
याचिका एनजीओ एडिंग हेंड्स फाउंडेशन ने दायर कर अधिसूचना को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील डीपी सिंह ने दिल्ली सरकार के 12 जून के उस नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की, जिसमें मनमाने तरीके से ऑटो का किराया बढ़ाया गया है.
याचिका में कहा गया कि इससे लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. साथ ही याचिका में कहा गया है कि ऑटो चालक शायद ही कभी मीटर से चलने को तैयार होते हैं. वे कहीं जाने के लिए तभी तैयार होते हैं, जब यात्री मीटर से ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार हों.
'याचिका को निरस्त करना चाहिए'
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील रमेश सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस संबंध में फैसला लेने का अधिकार उप-राज्यपाल के पास है न कि दिल्ली सरकार के पास. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील जसमीत सिंह ने याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि इस नोटिफिकेशन को निरस्त किया जाना चाहिए.