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WaterLogging In Delhi: मानसून में जलभराव के मामले में दिल्ली पहले, गुरुग्राम दूसरे और नोएडा तीसरे स्थान पर

बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव और इससे होने वाली समस्याएं सामने आती हैं. इसे लेकर एक संस्था द्वारा देशभर में एक सर्वे किया गया. इसमें सामने आया है कि जलभराव के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर आती है. वहीं, गुरुग्राम और नोएडा कमश: दूसरे व तीसरे पर आते हैं. सर्वे में करीब 22 हजार लोगों से बात की गई.

noida third in terms of water logging in monsoon
noida third in terms of water logging in monsoon
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Published : Jul 7, 2023, 5:13 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 5:47 PM IST

नई दिल्ली: मानसून के सीजन प्रतिवर्ष देश के लगभग अधिकांश इलाकों में जलभराव की समस्या होती है. चाहे देश की राजधानी दिल्ली हो या देश की आर्थिक राजधानी मुंबई. या फिर गुजरात, अहमदाबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों की बात की जाए. सभी जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझते नजर आते हैं. इतना ही नहीं दिल्ली में तो जलभराव से हर साल एक दो लोगों की मौत होती है. साथ ही एनसीआर के दो प्रमुख शहर नोएडा और गुरुग्राम भी हाईटेक सिटी होने के बावजूद जलभराव की समस्या से जूझते हैं.

लोकल सर्कल्स सर्वे नामक संस्था द्वारा देश के 293 जिलों में ऑनलाइन माध्यम से सर्वे कर जलभराव की समस्या और इससे होने वाली परेशानियों को लेकर कुल 22 हजार से अधिक लोगों से बात की गई. इनमें जवाब देने वालों में 69 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं शामिल रहीं. कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोकल सर्कल्स ने यह सर्वे पांच जुलाई 2023 तक किया और इसके आंकड़े उन्होंने छह जुलाई को जारी किए. इनमें दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के लोगों से एक सवाल जलभराव को लेकर और दूसरा सवाल जलभराव के बाद होने वाली समस्याओं को लेकर पूछा, जिनके बारे में लोगों ने अपने-अपने अनुभव के आधार पर जवाब दिए.

सर्वे में शामिल हुए लोगों का प्रतिशत
टियर के आधार पर सर्वे में शामिल हुए लोगों का प्रतिशत

दिल्ली में जलभराव से संबंधित सर्वे में लोग 3,186 शामिल हुए

  1. 63 प्रतिशत लोगों ने बताया कि दिल्ली में मानसून के दौरान काफी जलभराव होता है.
  2. 34 प्रतिशत लोगों ने बताया कि कुछ-कुछ जगहों पर जलभराव होता है.
  3. 2 प्रतिशत लोगों ने बताया कि जलभराव नहीं होता है.
  4. 1 प्रतिशत लोगों ने जलभराव से संबंधित सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.
  5. जलभराव से क्या-क्या समस्याएं होती हैं, इसका 1,544 लोगों ने जवाब दिया.
  6. 88 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की वजह से ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है.
  7. 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव व ट्रैफिक जाम की वजह से वर्किंग आवर्स और प्रोडक्टिविटी का नुकसान होता है.
  8. 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ट्रैफिक जाम से वाहनों का अधिक ईंधन खर्च होता है और वाहन के रखरखाव की लागत भी बढ़ती है.
  9. 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव से सड़क दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ जाता है.
  10. 21 प्रतिशत लोगों ने जलभराव से होने वाली अन्य समस्याएं बताईं.
  11. 5 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया.

नोएडा में 2,839 लोगों के बीच जलभराव को लेकर हुआ सर्वे

  1. 37 प्रतिशत लोगों ने नोएडा में जलभराव की समस्या बताई.
  2. 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की समस्या कभी-कभी होती है.
  3. 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की कोई समस्या नहीं है. ड्रेनेज सिस्टम अच्छा है.
  4. 3 प्रतिशत लोगों ने जलभराव की समस्या को लेकर कोई जवाब नहीं दिया

गुरुग्राम के 2,965 लोगों के बीच सर्वे किया गया

  1. 86 प्रतिशत लोगों ने जलभराव की समस्या के बारे में बताया.
  2. 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कभी-कभी जलभराव होता है.
  3. 1 प्रतिशत लोगों ने कहा जलभराव की समस्या नहीं है. ड्रेनेज सिस्टम ठीक है.

यह भी पढ़ें-Delhi Weather: लगातार हो रही बारिश से लोगों को मिली उमस से राहत, जानें आनेवाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम

यह भी पढ़ें-Water logging: 2 दिन की बारिश से सूरजपुर कलेक्ट्रेट बना तालाब, प्राधिकरण व प्रशासन की खुली पोल

नई दिल्ली: मानसून के सीजन प्रतिवर्ष देश के लगभग अधिकांश इलाकों में जलभराव की समस्या होती है. चाहे देश की राजधानी दिल्ली हो या देश की आर्थिक राजधानी मुंबई. या फिर गुजरात, अहमदाबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों की बात की जाए. सभी जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझते नजर आते हैं. इतना ही नहीं दिल्ली में तो जलभराव से हर साल एक दो लोगों की मौत होती है. साथ ही एनसीआर के दो प्रमुख शहर नोएडा और गुरुग्राम भी हाईटेक सिटी होने के बावजूद जलभराव की समस्या से जूझते हैं.

लोकल सर्कल्स सर्वे नामक संस्था द्वारा देश के 293 जिलों में ऑनलाइन माध्यम से सर्वे कर जलभराव की समस्या और इससे होने वाली परेशानियों को लेकर कुल 22 हजार से अधिक लोगों से बात की गई. इनमें जवाब देने वालों में 69 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं शामिल रहीं. कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोकल सर्कल्स ने यह सर्वे पांच जुलाई 2023 तक किया और इसके आंकड़े उन्होंने छह जुलाई को जारी किए. इनमें दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के लोगों से एक सवाल जलभराव को लेकर और दूसरा सवाल जलभराव के बाद होने वाली समस्याओं को लेकर पूछा, जिनके बारे में लोगों ने अपने-अपने अनुभव के आधार पर जवाब दिए.

सर्वे में शामिल हुए लोगों का प्रतिशत
टियर के आधार पर सर्वे में शामिल हुए लोगों का प्रतिशत

दिल्ली में जलभराव से संबंधित सर्वे में लोग 3,186 शामिल हुए

  1. 63 प्रतिशत लोगों ने बताया कि दिल्ली में मानसून के दौरान काफी जलभराव होता है.
  2. 34 प्रतिशत लोगों ने बताया कि कुछ-कुछ जगहों पर जलभराव होता है.
  3. 2 प्रतिशत लोगों ने बताया कि जलभराव नहीं होता है.
  4. 1 प्रतिशत लोगों ने जलभराव से संबंधित सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.
  5. जलभराव से क्या-क्या समस्याएं होती हैं, इसका 1,544 लोगों ने जवाब दिया.
  6. 88 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की वजह से ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है.
  7. 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव व ट्रैफिक जाम की वजह से वर्किंग आवर्स और प्रोडक्टिविटी का नुकसान होता है.
  8. 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ट्रैफिक जाम से वाहनों का अधिक ईंधन खर्च होता है और वाहन के रखरखाव की लागत भी बढ़ती है.
  9. 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव से सड़क दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ जाता है.
  10. 21 प्रतिशत लोगों ने जलभराव से होने वाली अन्य समस्याएं बताईं.
  11. 5 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया.

नोएडा में 2,839 लोगों के बीच जलभराव को लेकर हुआ सर्वे

  1. 37 प्रतिशत लोगों ने नोएडा में जलभराव की समस्या बताई.
  2. 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की समस्या कभी-कभी होती है.
  3. 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जलभराव की कोई समस्या नहीं है. ड्रेनेज सिस्टम अच्छा है.
  4. 3 प्रतिशत लोगों ने जलभराव की समस्या को लेकर कोई जवाब नहीं दिया

गुरुग्राम के 2,965 लोगों के बीच सर्वे किया गया

  1. 86 प्रतिशत लोगों ने जलभराव की समस्या के बारे में बताया.
  2. 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कभी-कभी जलभराव होता है.
  3. 1 प्रतिशत लोगों ने कहा जलभराव की समस्या नहीं है. ड्रेनेज सिस्टम ठीक है.

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Last Updated : Jul 7, 2023, 5:47 PM IST
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