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दिल्ली दंगा: दिल्ली और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच हुई तीखी बहस, कोर्ट नाराज - central government lawyers

दिल्ली के दंगों से जुड़े शिव विहार के राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर से सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई.

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Published : Jul 1, 2020, 8:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से जुड़े शिव विहार के राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई. उसके बाद जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील को निर्देश दिया कि वो उपराज्यपाल का वह पत्र लाएं कि कौन दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानि 2 जुलाई को होगी.

दिल्ली दंगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच हुई तीखी बहस
अमन लेखी के पेश होने पर आपत्ति जताई

आज इस मामले पर लंच के पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने एएसजी अमन लेखी के पेश होने पर आपत्ति जताई. तब कोर्ट ने इसे लंच के बाद सुनवाई का आदेश दिया. लंच के बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो केंद्र सरकार की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एएसजी अमन लेखी पेश नहीं होना चाहते हैं. इस पर जस्टिस सुरेश कैत नाराज हो गए और कहा कि आप कल उपराज्यपाल का वह पत्र लेकर आएं कि इस मामले में वो वकील हैं कि नहीं. अगर इस तरह कोर्ट का समय बर्बाद करेंगे तो कोर्ट जुर्माना भी लगा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने कल यानि 2 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया.


फैसल को दूसरे मामले में किया था गिरफ्तार

पिछले 23 जून को हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की याचिका पर फैसल फारुख को जवाब देने के लिए समय दिया था. फैसल फारुख की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि फैसल फारुख को कल यानि 22 जून को हिंसा के एक दूसरे मामले में हिरासत में ले लिया गया है. रमेश गुप्ता ने पुलिस की ओर से दायर याचिका पर जवाब देने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 1 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

तुषार मेहता का भी किया था विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत देने का फैसला सही नहीं है. इसलिए उस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. पिछले 22 जून को कोर्ट ने फैसल फारुख को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान जब दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे तो दिल्ली पुलिस की क्राइम की ओर से हमेशा पेश होने वाले वकील राहुल मेहरा ने उनका विरोध किया था. इसके बाद तुषार मेहता ने इस केस से अपना नाम वापस ले लिया. उसके बाद एएसजी अमन लेखी और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित चड्ढा पेश हुए और इस मामले पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की ताकि दिल्ली पुलिस की ओर से कौन पेश हो ये मामला सुलझाया जा सके.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से जुड़े शिव विहार के राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई. उसके बाद जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील को निर्देश दिया कि वो उपराज्यपाल का वह पत्र लाएं कि कौन दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानि 2 जुलाई को होगी.

दिल्ली दंगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली और केंद्र सरकार के वकीलों के बीच हुई तीखी बहस
अमन लेखी के पेश होने पर आपत्ति जताई

आज इस मामले पर लंच के पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने एएसजी अमन लेखी के पेश होने पर आपत्ति जताई. तब कोर्ट ने इसे लंच के बाद सुनवाई का आदेश दिया. लंच के बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो केंद्र सरकार की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एएसजी अमन लेखी पेश नहीं होना चाहते हैं. इस पर जस्टिस सुरेश कैत नाराज हो गए और कहा कि आप कल उपराज्यपाल का वह पत्र लेकर आएं कि इस मामले में वो वकील हैं कि नहीं. अगर इस तरह कोर्ट का समय बर्बाद करेंगे तो कोर्ट जुर्माना भी लगा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने कल यानि 2 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया.


फैसल को दूसरे मामले में किया था गिरफ्तार

पिछले 23 जून को हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की याचिका पर फैसल फारुख को जवाब देने के लिए समय दिया था. फैसल फारुख की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि फैसल फारुख को कल यानि 22 जून को हिंसा के एक दूसरे मामले में हिरासत में ले लिया गया है. रमेश गुप्ता ने पुलिस की ओर से दायर याचिका पर जवाब देने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 1 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

तुषार मेहता का भी किया था विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत देने का फैसला सही नहीं है. इसलिए उस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. पिछले 22 जून को कोर्ट ने फैसल फारुख को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान जब दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे तो दिल्ली पुलिस की क्राइम की ओर से हमेशा पेश होने वाले वकील राहुल मेहरा ने उनका विरोध किया था. इसके बाद तुषार मेहता ने इस केस से अपना नाम वापस ले लिया. उसके बाद एएसजी अमन लेखी और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित चड्ढा पेश हुए और इस मामले पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की ताकि दिल्ली पुलिस की ओर से कौन पेश हो ये मामला सुलझाया जा सके.

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