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दाती महाराज रेप कांड: जांच पूरी करवाने के लिए HC पहुंची पीड़िता

स्वयंभू बाबा दाती महाराज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से गुहार लगाई कि सीबीआई को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए.

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Published : Dec 24, 2019, 10:26 PM IST

girl who accused Daati of rape demand for CBI investigation in high court
दाती महाराज पर हागी अब CBI जांच

नई दिल्ली: दाती महाराज के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को इस मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करने का निर्देश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई इस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करें और पूरी जांच करें.

जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
पिछले 16 दिसंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि दाती महाराज के खिलाफ जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट 6 जनवरी तक कोर्ट में दाखिल करें. कोर्ट ने धीमी जांच पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि हमें रोजाना के हिसाब से जांच रिपोर्ट दें.

दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द करवाने का कारण
पिछले 20 मार्च को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस जारी किया था. पिछले 21 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि आखिर आप दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द क्यों करवाना चाहते हैं. कोर्ट ने पूछा था कि सीबीआई जांच का आदेश अक्टूबर 2018 में ही दे दिया गया था. तब उसके बाद से अब तक आपने दाती महाराज को हिरासत में लेने के लिए क्या कदम उठाया है.

हिरासत में पूछताछ जरूरी क्यों
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रशेखर ने सीबीआई से पूछा था कि दाती महाराज को हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों जरुरी है. सीबीआई ने कहा था कि अपराध राजस्थान में घटित हुआ है. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है जिसकी जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई. उन्हें केस में दो चीजों पर अपनी राय बनानी है. गवाहों का पुनर्परीक्षण करना है जिससे ये पता चल सके कि उनसे पूछताछ सही ढंग से हुई है कि नहीं और दूसरा कि वे जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं कि नहीं.

जांच में सहयोग नहीं कर रहा है दाती महाराज
सीबीआई ने कहा था कि वे अभियुक्त को गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. सीबीआई ने कहा था कि दाती महाराज की हिरासत में पूछताछ का प्रस्ताव डायरेक्टर के पास लंबित है. तब कोर्ट ने कहा था कि आप ये प्रस्ताव समेत सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करें.

22 जनवरी से है जमानत पर
आपको बता दें कि पिछले 22 जनवरी को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शर्तों के साथ दाती महाराज को अग्रिम जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने कहा था कि दाती महाराज बिना कोर्ट की इजाजत के दिल्ली के बाहर नहीं जा सकेंगे और जांच में सहयोग करेंगे. साकेत कोर्ट ने कहा था कि वे किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज पीड़ित और उसके परिवार से संपर्क नहीं करेंगे.

सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी थी
दाती महाराज ने हाईकोर्ट के 14 नवंबर 2018 के सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई को जांच सौंपने के हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दाती महाराज सुप्रीम कोर्ट भी गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था.

नई दिल्ली: दाती महाराज के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को इस मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करने का निर्देश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई इस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करें और पूरी जांच करें.

जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
पिछले 16 दिसंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि दाती महाराज के खिलाफ जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट 6 जनवरी तक कोर्ट में दाखिल करें. कोर्ट ने धीमी जांच पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि हमें रोजाना के हिसाब से जांच रिपोर्ट दें.

दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द करवाने का कारण
पिछले 20 मार्च को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस जारी किया था. पिछले 21 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि आखिर आप दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द क्यों करवाना चाहते हैं. कोर्ट ने पूछा था कि सीबीआई जांच का आदेश अक्टूबर 2018 में ही दे दिया गया था. तब उसके बाद से अब तक आपने दाती महाराज को हिरासत में लेने के लिए क्या कदम उठाया है.

हिरासत में पूछताछ जरूरी क्यों
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रशेखर ने सीबीआई से पूछा था कि दाती महाराज को हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों जरुरी है. सीबीआई ने कहा था कि अपराध राजस्थान में घटित हुआ है. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है जिसकी जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई. उन्हें केस में दो चीजों पर अपनी राय बनानी है. गवाहों का पुनर्परीक्षण करना है जिससे ये पता चल सके कि उनसे पूछताछ सही ढंग से हुई है कि नहीं और दूसरा कि वे जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं कि नहीं.

जांच में सहयोग नहीं कर रहा है दाती महाराज
सीबीआई ने कहा था कि वे अभियुक्त को गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. सीबीआई ने कहा था कि दाती महाराज की हिरासत में पूछताछ का प्रस्ताव डायरेक्टर के पास लंबित है. तब कोर्ट ने कहा था कि आप ये प्रस्ताव समेत सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करें.

22 जनवरी से है जमानत पर
आपको बता दें कि पिछले 22 जनवरी को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शर्तों के साथ दाती महाराज को अग्रिम जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने कहा था कि दाती महाराज बिना कोर्ट की इजाजत के दिल्ली के बाहर नहीं जा सकेंगे और जांच में सहयोग करेंगे. साकेत कोर्ट ने कहा था कि वे किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज पीड़ित और उसके परिवार से संपर्क नहीं करेंगे.

सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी थी
दाती महाराज ने हाईकोर्ट के 14 नवंबर 2018 के सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई को जांच सौंपने के हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दाती महाराज सुप्रीम कोर्ट भी गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था.

Intro:नई दिल्ली । दाती महाराज के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को इस मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई इस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करें और पूरी जांच करें।



Body:जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
पिछले 16 दिसंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि दाती महाराज के खिलाफ जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट 6 जनवरी तक कोर्ट में दाखिल करें। कोर्ट ने धीमी जांच पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि हमें रोजाना के हिसाब से जांच रिपोर्ट दें।
दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द क्यों करवाना चाहते हैं
पिछले 20 मार्च को को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाती महाराज को नोटिस जारी किया था ।
पिछले 21 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि आखिर आप दाती महाराज की अग्रिम जमानत को रद्द क्यों करवाना चाहते हैं। कोर्ट ने पूछा था कि सीबीआई जांच का आदेश अक्टूबर 2018 में ही दे दिया गया था , तब उसके बाद से अब तक आपने दाती महाराज को हिरासत में लेने के लिए क्या कदम उठाया है।
हिरासत में पूछताछ जरूरी क्यों
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रशेखर ने सीबीआई से पूछा था कि दाती महाराज की हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों जरुरी है । सीबीआई ने कहा था कि अपराध राजस्थान में घटित हुआ है। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है जिसकी जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई। उन्हें केस में दो चीजों पर अपनी राय बनानी है। गवाहों का पुनर्परीक्षण करना है ताकि ये पता चल सके कि उनसे पूछताछ सही ढंग से हुई है कि नहीं और दूसरा कि वे जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं कि नहीं।
जांच में सहयोग नहीं कर रहा है दाती महाराज
सीबीआई ने कहा था कि वे अभियुक्त को गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सीबीआई ने कहा था कि दाती महाराज की हिरासत में पूछताछ का प्रस्ताव डायरेक्टर के पास लंबित है। तब कोर्ट ने कहा था कि आप ये प्रस्ताव समेत सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करें। 
22 जनवरी से जमानत पर है
आपको बता दें कि पिछले 22 जनवरी को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शर्तों के साथ दाती महाराज अग्रिम जमानत दी थी। साकेत कोर्ट ने कहा था कि दाती महाराज बिना कोर्ट की इजाजत के दिल्ली के बाहर नहीं जा सकेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। साकेत कोर्ट ने कहा था कि वे किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे औऱ सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज पीड़ित और उसके परिवार से संपर्क नहीं करेंगे।



Conclusion:सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी थी
दाती महाराज ने हाईकोर्ट के 14 नवंबर 2018 के सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई को जांच सौंपने के हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दाती महाराज सुप्रीम कोर्ट भी गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था।
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