नई दिल्ली: आतंकी गतिविधियों से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में तीन आरोपियों को अदालत ने डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया है. ये तीनों प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य हैं. पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने आरोपियों की डिफॉल्ट जमानत की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके दावे का समर्थन करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है.
न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने कहा कि ईडी ने अपनी जांच के दौरान पर्याप्त सुबूत इकट्ठे किए थे. ऐसे में यह नहीं माना जा सकता है कि आरोपियों को लेकर एजेंसी की जांच बताए गए तथ्यों पर अधूरी है. आरोपी मोहम्मद इलियास, मोहम्मद परवेज अहमद और अब्दुल मुकीत ने ये तर्क देते हुए डिफॉल्ट जमानत मांगी थी कि ईडी ने अपनी जांच पूरी किए बिना उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. ईडी की ओर से प्रस्तुत विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है. ऐसे में ये मानना उचित नहीं होगा कि आरोपितों को लेकर ईडी की जांच अधूरी है.
यह भी पढ़ें-Delhi Crime: दिनदहाड़े क्रेन की बैटरी चोरी करते पकड़ा गया चोर, गुस्साई भीड़ ने जमकर पीटा
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जून को पीएफआई के राष्ट्रीय समन्वयक और विभिन्न राज्यों में हथियारों के साथ प्रशिक्षण शिविर आयोजन और संचालन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज यूएपीए मामले में इब्राहिम पुथननाथनी की हिरासत पैरोल छह घंटे बढ़ाई थी. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह और न्यायमूर्ति विकास महाजन की एक खंडपीठ ने उन्हें केरल में अपनी बड़ी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए शुरू में चार घंटे के बजाय छह घंटे की अवधि के लिए पैरोल विस्तार की अनुमति दी थी.
यह भी पढ़ें-Sexual Harrasement Case: कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी, अगली सुनवाई तीन अगस्त को