ETV Bharat / state

Chaitra Navratri 2023: अष्टमी पर करें मां महागौरी की पूजा, ये रही पूजा विधि, मंत्र और आरती की संपूर्ण जानकारी

चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. बुधवार 29 मार्च को मां महागौरी की पूजा है. इस दिन को महा अष्टमी और दुर्गा अष्टमी भी कहते हैं. इस दिन लोग कन्या पूजन करते हैं. ऐसे में जाने महा अष्टमी की पूजा विधि और पूजा का शुभ मुहूर्त.

Etv Bhadrat
Etv Bhadrat
author img

By

Published : Mar 28, 2023, 10:18 PM IST

आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी को समर्पित है. बुधवार 29 मार्च को चैत्र नवरात्री का आठवां दिन है. चेत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन को महा अष्टमी और दुर्गा अष्टमी भी कहते हैं. अष्टमी के दिन लोग कन्या पूजन करते हैं. मां महागौरी की पूजा अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

पूजा विधि: नवरात्रि के आठवें दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहने. पूजा के स्थान को साफ करें और गंगाजल डालकर शुद्ध करें. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें. पूजा के स्थान को सजाएं. फिर मां महागौरी के व्रत का संकल्प लें और ध्यान करें. मां महागौरी को मोगरा पुष्प अत्यंत प्रिय है. मां महागौरी को मोगरे के फूलों से बनी माला अर्पित करें. मां को लाल रंग भी अत्यंत प्रिय है. इसलिए पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र धारण करें. मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें.

मां का स्वरूप: मां का रंग बेहद गौरा है इसी वजह से इन्हें मां महागौरी नाम से पुकारते हैं. मां महागौरी की चार भुजाएं हैं. मां महागौरी बैल पर सवारी करती हैं. दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ में त्रिशूल धारण करतीं है. जबकि निचे वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है. मां महागौरी के बाई तरफ उपर वाला हाथ वरमुद्रा में रहता है, जबकि नीचे वाले हाथ में डमरू धारण करती है.

पूजा का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:42 AM से 05:29 AM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:36 PM से 06:59 PM
अमृत काल- 09:02 AM से 10:49 AM

मां महागौरी मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः।।

मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
मै सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
-बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
"चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो -महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

इसे भी पढ़ें: मां कालका के जन्मदिन पर निकली भव्य कलश यात्रा, ढोल-नगाड़े की धुन पर नाचे भक्त

आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी को समर्पित है. बुधवार 29 मार्च को चैत्र नवरात्री का आठवां दिन है. चेत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन को महा अष्टमी और दुर्गा अष्टमी भी कहते हैं. अष्टमी के दिन लोग कन्या पूजन करते हैं. मां महागौरी की पूजा अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

पूजा विधि: नवरात्रि के आठवें दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहने. पूजा के स्थान को साफ करें और गंगाजल डालकर शुद्ध करें. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें. पूजा के स्थान को सजाएं. फिर मां महागौरी के व्रत का संकल्प लें और ध्यान करें. मां महागौरी को मोगरा पुष्प अत्यंत प्रिय है. मां महागौरी को मोगरे के फूलों से बनी माला अर्पित करें. मां को लाल रंग भी अत्यंत प्रिय है. इसलिए पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र धारण करें. मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें.

मां का स्वरूप: मां का रंग बेहद गौरा है इसी वजह से इन्हें मां महागौरी नाम से पुकारते हैं. मां महागौरी की चार भुजाएं हैं. मां महागौरी बैल पर सवारी करती हैं. दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ में त्रिशूल धारण करतीं है. जबकि निचे वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है. मां महागौरी के बाई तरफ उपर वाला हाथ वरमुद्रा में रहता है, जबकि नीचे वाले हाथ में डमरू धारण करती है.

पूजा का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:42 AM से 05:29 AM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:36 PM से 06:59 PM
अमृत काल- 09:02 AM से 10:49 AM

मां महागौरी मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः।।

मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
मै सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
-बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
"चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो -महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

इसे भी पढ़ें: मां कालका के जन्मदिन पर निकली भव्य कलश यात्रा, ढोल-नगाड़े की धुन पर नाचे भक्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.