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बैडमिंटन में स्वर्ण जीतने वाले इस पैरालिंपियन का सपना था क्रिकेटर बनना

कृष्णा ने कहा कि उन्हें अपने शुरूआती दिनों से ही क्रिकेट खेलना पसंद था. हालांकि, बाद में उन्होंने महसूस किया कि बैडमिंटन अपनी पहचान बनाने का एक और विकल्प हो सकता है और इसलिए उन्होंने अपने रैकेट पर पकड़ बना ली और कड़ी ट्रेनिंग शुरू की.

Paralympian krishna nagar wanted to become cricketer
Paralympian krishna nagar wanted to become cricketer
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Published : Sep 8, 2021, 7:20 AM IST

जयपुर: टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने वाले कृष्णा नागर शुरूआत में क्रिकेटर बनना चाहते थे. हालांकि, लंबाई कम होने की वजह से उन्होंने बैडमिंटन को चुना. कृष्णा ने कहा कि उन्हें अपने शुरूआती दिनों से ही क्रिकेट खेलना पसंद था. हालांकि, बाद में उन्होंने महसूस किया कि बैडमिंटन अपनी पहचान बनाने का एक और विकल्प हो सकता है और इसलिए उन्होंने अपने रैकेट पर पकड़ बना ली और कड़ी ट्रेनिंग शुरू की.

उन्होंने कहा कि मेरे दोस्तों और परिवार ने मेरा समर्थन किया और उन्होंने मुझे नई छलांग लगाने के लिए प्रेरित किया.

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उनके पिता ने कहा कि ग्रोथ हार्मोन में कमी के कारण कृष्ण की लंबाई 4.2 इंच रह गई थी. हालांकि, परिवार निराश नहीं हुआ, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

कृष्णा ने कम लंबाई वर्ग में बैडमिंटन में आखिरकार स्वर्ण पदक जीता.

उन्होंने कहा, "पैरालंपिक में मैं अपने फाइनल मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सका. मैच के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे फोन पर बधाई दी और मुझे प्रेरित किया जिसने मुझे गौरवान्वित किया है."

जयपुर: टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने वाले कृष्णा नागर शुरूआत में क्रिकेटर बनना चाहते थे. हालांकि, लंबाई कम होने की वजह से उन्होंने बैडमिंटन को चुना. कृष्णा ने कहा कि उन्हें अपने शुरूआती दिनों से ही क्रिकेट खेलना पसंद था. हालांकि, बाद में उन्होंने महसूस किया कि बैडमिंटन अपनी पहचान बनाने का एक और विकल्प हो सकता है और इसलिए उन्होंने अपने रैकेट पर पकड़ बना ली और कड़ी ट्रेनिंग शुरू की.

उन्होंने कहा कि मेरे दोस्तों और परिवार ने मेरा समर्थन किया और उन्होंने मुझे नई छलांग लगाने के लिए प्रेरित किया.

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उनके पिता ने कहा कि ग्रोथ हार्मोन में कमी के कारण कृष्ण की लंबाई 4.2 इंच रह गई थी. हालांकि, परिवार निराश नहीं हुआ, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

कृष्णा ने कम लंबाई वर्ग में बैडमिंटन में आखिरकार स्वर्ण पदक जीता.

उन्होंने कहा, "पैरालंपिक में मैं अपने फाइनल मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सका. मैच के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे फोन पर बधाई दी और मुझे प्रेरित किया जिसने मुझे गौरवान्वित किया है."

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