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टोक्यो पैरालंपिक: भारतीय निशानेबाजों पर सोने-चांदी की बारिश, मनीष ने जीता गोल्ड, सिंहराज को सिल्वर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनीष नरवाल और सिंघराज को उनके इस शानदार प्रदर्शन पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक से देश के लिए लगातार गौरव के पल आ रहे हैं.

मनीष ने जीता गोल्ड, सिंहराज को सिल्वर
मनीष ने जीता गोल्ड, सिंहराज को सिल्वर
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Published : Sep 4, 2021, 9:48 AM IST

Updated : Sep 4, 2021, 4:10 PM IST

टोक्यो: टोक्यो पैरालंपिक की शूटिंग में भारतीय पैराशूटर्स ने देश का मान बढ़ाया है. मनीष नरवाल ने गोल्ड पर कब्जा किया, जबकि सिंहराज ने सिल्वर जीता. P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएस-1 फाइनल में मनीष नरवाल ने 218.2 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया. सिंहराज (216.7) दूसरे स्थान पर रहे. भारत के पदकों की संख्या अब 15 हो गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मनीष नरवाल और सिंहराज को उनके इस शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा है कि टोक्यो पैरालंपिक से देश के लिए लगातार गौरव के पल आ रहे हैं.

पीएम मोदी ने नरवाल और अडाना को फोन करके दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरवाल और अडाना को फोन करके बधाई दी. दोनों खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री के पैरा-एथलीटों का लगातार प्रोत्साहन करने के लिए उनकी सराहना की और समर्थन करने के लिए आभार जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया और लिखा कि टोक्यो पैरालम्पिक से गौरवशाली क्षण लगातार आ रहे हैं. ये युवा और प्रतिभाशाली मनीष नरवाल की महान उपलब्धि है. उनका स्वर्ण पदक जीतना भारतीय खेलों के लिए एक खास क्षण है. उन्हें बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं.

पीएम मोदी ने कहा कि सिंघराज अडाना ने दोबारा कर दिखाया. उन्होंने एक और पदक जीता, इस बार मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में. उनके इस कारनामे से भारत खुश है. भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं.

बता दें कि, निशानेबाज मनीष नरवाल ने मौजूदा पैरालम्पिक खेलों में भारत की झोली में ये तीसरा स्वर्ण पदक डाला है. जबकि सिंहराज अडाना का नए टोक्यो में दूसरा मेडल है. इस से पहले उन्होंने पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में रजत पदक जीता था.

बता दें, ये दोनों पैरा शूटर्स फरीदाबाद के रहने वाले हैं. क्वालिफिकेशन में सिंहराज 536 अंकों के साथ चौथे स्थान पर थे, जबकि मनीष नरवाल (533) सातवें नंबर पर रहे थे. इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में 19 साल के मनीष नरवाल ने तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया. इससे पहले अवनि लखेरा (Women's 10m Air Rifle SH1) और सुमित अंतिल (Men's Javelin Throw F64) ने स्वर्ण पदक दिलाया था.

इसके अलावा मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत और सुहास यथिराज शनिवार को तोक्यो पैरालम्पिक पुरूष एकल बैडमिंटन में अपने अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच गए, लेकिन मनोज सरकार और तरूण ढिल्लों को सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा.

दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन 33 वर्ष के भगत ने एसएल3 क्लास में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21 . 11, 21 . 16 से हराया. इस साल पैरालम्पिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है लिहाजा स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए. उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा. एसएल4 क्लास में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21 . 9, 21 . 15 से हराया. अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त फ्रांस के लुकास माजूर से होगा.

माजूर ने दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ढिल्लों को करीबी मुकाबले में 21 . 16, 16 . 21, 21 . 18 से हराया. हिसार के 27 वर्ष के ढिल्लों का सामना कांस्य पदक के लिये सेतियावान से होगा. वहीं, मनोज को दूसरी वरीयता प्राप्त बेथेल ने 21 . 8, 21 . 10 से हराया. मनोज अब कांस्य पदक के लिये फुजीहारा से खेलेंगे. इस क्लासीफिकेशन में आधा कोर्ट की इस्तेमाल होता है तो भगत और फुजीहारा ने लंबी रेलियां लगाई. शुरूआत में भगत 2 . 4 से पीछे थे लेकिन ब्रेक तक 11 . 8 से बढत बना ली. उसके बाद इस लय को कायम रखते हुए लगातार छह अंक के साथ पहला गेम जीता. दूसरे गेम में उन्होंने विरोधी को कोई मौका ही नहीं दिया.

भगत और पलक कोहली मिश्रित युगल एसएल3 . एसयू5 सेमीफाइनल भी खेलेंगे. मैच के बाद भगत ने कहा कि यह शानदार मैच था. उसने मुझे कुछ अच्छे शॉट्स लगाने के लिये प्रेरित किया. मुझे फाइनल में पहुंचने की खुशी है लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है. पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था. उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते. 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक कांस्य जीता.

इनपुट- पीटीआई-भाषा

टोक्यो: टोक्यो पैरालंपिक की शूटिंग में भारतीय पैराशूटर्स ने देश का मान बढ़ाया है. मनीष नरवाल ने गोल्ड पर कब्जा किया, जबकि सिंहराज ने सिल्वर जीता. P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएस-1 फाइनल में मनीष नरवाल ने 218.2 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया. सिंहराज (216.7) दूसरे स्थान पर रहे. भारत के पदकों की संख्या अब 15 हो गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मनीष नरवाल और सिंहराज को उनके इस शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा है कि टोक्यो पैरालंपिक से देश के लिए लगातार गौरव के पल आ रहे हैं.

पीएम मोदी ने नरवाल और अडाना को फोन करके दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरवाल और अडाना को फोन करके बधाई दी. दोनों खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री के पैरा-एथलीटों का लगातार प्रोत्साहन करने के लिए उनकी सराहना की और समर्थन करने के लिए आभार जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया और लिखा कि टोक्यो पैरालम्पिक से गौरवशाली क्षण लगातार आ रहे हैं. ये युवा और प्रतिभाशाली मनीष नरवाल की महान उपलब्धि है. उनका स्वर्ण पदक जीतना भारतीय खेलों के लिए एक खास क्षण है. उन्हें बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं.

पीएम मोदी ने कहा कि सिंघराज अडाना ने दोबारा कर दिखाया. उन्होंने एक और पदक जीता, इस बार मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में. उनके इस कारनामे से भारत खुश है. भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं.

बता दें कि, निशानेबाज मनीष नरवाल ने मौजूदा पैरालम्पिक खेलों में भारत की झोली में ये तीसरा स्वर्ण पदक डाला है. जबकि सिंहराज अडाना का नए टोक्यो में दूसरा मेडल है. इस से पहले उन्होंने पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में रजत पदक जीता था.

बता दें, ये दोनों पैरा शूटर्स फरीदाबाद के रहने वाले हैं. क्वालिफिकेशन में सिंहराज 536 अंकों के साथ चौथे स्थान पर थे, जबकि मनीष नरवाल (533) सातवें नंबर पर रहे थे. इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में 19 साल के मनीष नरवाल ने तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया. इससे पहले अवनि लखेरा (Women's 10m Air Rifle SH1) और सुमित अंतिल (Men's Javelin Throw F64) ने स्वर्ण पदक दिलाया था.

इसके अलावा मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत और सुहास यथिराज शनिवार को तोक्यो पैरालम्पिक पुरूष एकल बैडमिंटन में अपने अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच गए, लेकिन मनोज सरकार और तरूण ढिल्लों को सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा.

दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन 33 वर्ष के भगत ने एसएल3 क्लास में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21 . 11, 21 . 16 से हराया. इस साल पैरालम्पिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है लिहाजा स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए. उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा. एसएल4 क्लास में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21 . 9, 21 . 15 से हराया. अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त फ्रांस के लुकास माजूर से होगा.

माजूर ने दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ढिल्लों को करीबी मुकाबले में 21 . 16, 16 . 21, 21 . 18 से हराया. हिसार के 27 वर्ष के ढिल्लों का सामना कांस्य पदक के लिये सेतियावान से होगा. वहीं, मनोज को दूसरी वरीयता प्राप्त बेथेल ने 21 . 8, 21 . 10 से हराया. मनोज अब कांस्य पदक के लिये फुजीहारा से खेलेंगे. इस क्लासीफिकेशन में आधा कोर्ट की इस्तेमाल होता है तो भगत और फुजीहारा ने लंबी रेलियां लगाई. शुरूआत में भगत 2 . 4 से पीछे थे लेकिन ब्रेक तक 11 . 8 से बढत बना ली. उसके बाद इस लय को कायम रखते हुए लगातार छह अंक के साथ पहला गेम जीता. दूसरे गेम में उन्होंने विरोधी को कोई मौका ही नहीं दिया.

भगत और पलक कोहली मिश्रित युगल एसएल3 . एसयू5 सेमीफाइनल भी खेलेंगे. मैच के बाद भगत ने कहा कि यह शानदार मैच था. उसने मुझे कुछ अच्छे शॉट्स लगाने के लिये प्रेरित किया. मुझे फाइनल में पहुंचने की खुशी है लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है. पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था. उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते. 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक कांस्य जीता.

इनपुट- पीटीआई-भाषा

Last Updated : Sep 4, 2021, 4:10 PM IST
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