नई दिल्ली: राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) ने ये संकेत दिए है कि 55 साल बाद एक भारतीय डेविस कप टीम पाकिस्तान की यात्रा के लिए रवाना होगी. संभावना है कि केंद्र सरकार सितंबर में भारतीय खिलाड़ियों को पड़ोसी देश के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दे देगी.
मार्च 1964 से किसी भी भारतीय डेविस कप टीम ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है. आपको बता दें लाहौर में आयोजित हुए उस आखरी टूर्नामेंट में भारत ने 4-0 से जीत दर्ज की थी.
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के महासचिव हिरोनमाय चटर्जी ने बुधवार को कहा,"हमने सरकार को लिखा है और उम्मीद है कि हम पाकिस्तान जाएंगे, हमें ऐसा लगता है."
उन्होंने कहा, 'ये द्विपक्षीय सीरीज नहीं है, ये वर्ल्ड कप जैसा है इसलिए सरकार को अनुमति देनी होगी, मुझे विश्वास है कि हम पाकिस्तान में जाकर खेलेंगे. हम एक या दो दिन में इसकी घोषणा करेंगे. पाकिस्तान महासंघ ने कहा है कि ये मुकाबला इस्लामाबाद में होगा.'
इस एशिया / ओशिनिया ग्रुप एक मुकाबले का विजेता विश्व ग्रुप क्वॉलिफायर में जाएगा. इन दोनों देशों के बीच आखिरी मुकाबला 2006 में मुंबई में खेला गया था, जिसे भारत ने 3-2 से जीता था. मौजूदा गैर-खेल कप्तान महेश भूपति उस टीम का हिस्सा थे. उस टीम में महान लिएंडर पेस, प्रकाश अमृतराज और रोहन बोपन्ना भी शामिल थे.
इससे पहले भारत और पाकिस्तान का मैच 1973 में मलयेशिया में निष्पक्ष स्थल पर खेला गया था. इस बीच पाकिस्तान टेनिस महासंघ (पीटीएफ) के अध्यक्ष सलमी सैफुल्लाह ने कहा कि वो ग्रास कोर्ट पर इस मुकाबले की मेजबानी करेंगे.
भारतीय टीम को पाकिस्तान से किसी भी गंभीर चुनौती की संभावना नहीं है क्योंकि नए नियमों के अनुसार उनके एकल खिलाड़ियों में से कोई भी एटीपी कंप्यूटर रैंकिंग में मौजूद भी नहीं है.
दूसरी ओर, भारत के शीर्ष खिलाड़ियों प्रजनेश गुन्नेस्वरन और रामकुमार रामनाथन ने हाल के दिनों में एटीपी सर्किट पर कुछ खास उपलब्धियां हासिल की है.
हालांकि, पाकिस्तान के युगल विशेषज्ञ अइसम-उल-हक कुरैशी एक अच्छे प्रतियोगी साबित हो सकते हैं. रोहन बोपन्ना और कुरैशी अतीत में एक टीम के रूप में खेल चुके हैं और भारत-पाक एक्सप्रेस नाम से मशहूर इनकी जोड़ी ने उचित सफलता का स्वाद चखा है.
पीटीएफ अध्यक्ष ने कहा,"भारत और पाकिस्तान के मुकाबले में फैंस को काफी दिलचस्पी होती है और इसलिए हमें ग्रास कोर्ट पर होने वाले इस मुकाबले के सीधे प्रसारण से अच्छी कमाई की उम्मीद है जो कि टेनिस के लिए जरूरी है."
पिछले साल तक पाकिस्तान को अपने डेविस कप मुकाबलों को निष्पक्ष स्थानों पर आयोजित करने के लिए मजबूर होना पड़ता था क्योंकि सुरक्षा चिंताओं के कारण टीमों ने पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया था.
लेकिन स्थिती तब बदलाव आया जब पाकिस्तान ने अपने पिछले मुकाबलों में उज्बेकिस्तान, कोरिया और थाईलैंड की मेजबानी की.