नई दिल्ली: साल के पहले ग्रैंडस्लैम ऑस्ट्रेलियाई ओपन में इस बार भारतीय बच्चों को एक खास जिम्मेदारी दी जा रही है इसके तहत 10 भारतीय बच्चों को 'बॉलकिड्स' की जिम्मेदारी दी जाएगी.
इस टूर्नामेंट में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार चुने गए बच्चों को इस कर्तव्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन बच्चों की उम्र 12 से 15 साल है जिनके नाम बुधवार को यहां घोषित किये गये है.
विज्ञप्ति में बताया गया है कि विभिन्न चरणों के बाद जिन बच्चों का ‘बॉलकिड्स’ के रूप में चयन किया गया उनमें हैदराबाद के आदित्य बीएमवी (14 वर्ष), अहमदाबाद के अर्थवा हितेंद्र (14), कोलकाता के अत्रिजो सेनगुप्ता (15), गुरुग्राम के दिव्यांशु पांडे (15), गुरुग्राम की हार्षिता पंडिता (14), पंचककूला के रिजूल भाटिया (13), हैदराबाद की संस्कृति वदाकट्टु (14), चंडीगढ़ की सरगम सिंगला (15), मुंबई केशार्विन कौयतभ (14) और चंडीगढ़ के यशवर्धन गौर (15) शामिल हैं.
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ओपन की शुरूआत 20 जनवरी 2020 से होगी वहीं ये टूर्नामेंट 2 फरवरी तक चलेगा. इस टूर्नामेंट में दूनिया भर से टेनिस दिग्गज हिस्सा लेगें और जीतने वाला इस साल का पहला ग्रैंडस्लैम विनर बनकर इस साल की शुरुआत करेगा.
एक तरफ कई खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में आने को लेकर उत्साहित तो दूसरी तरफ कई खिलाड़ी इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लेने को मजबूर हो चुके हैं जिसमें सबसे पहला नाम आता है सेरेना विलियम्स की बहन और अमेरिकी टेनिस स्टार वीनस विलियम्स. बता दें कि इस टूर्नामेंट से वीनस अपना नाम वापस ले सकती हैं जिसका कारण कुछ और नहीं बल्कि इंजरी बताई जा रही है. वीनस पिछले काफी समय से टेनिस से बाहर चल रही हैं लेकिन इस साल उनकी ऑस्ट्रेलियाई ओपन से वापसी होनी थी लेकिन फिलहास उनकी वापसी पर इंजरी के बादल मंडरा रहे हैं जिसके चलते ये कह पाना मुश्किल है कि इस साल वीनस और सेरेना की जोड़ी टेनिस कोर्ट पर जलवा बिखेरती दिखेगी या नहीं.